#MannKiBaat : बोले पीएम मोदी- सरदार पटेल ने देश को एकता के सूत्र में पिरोने का काम किया

नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार 28 अक्टूबर को यानी आज 49वीं बार रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के जरिए देशवासियों को संबोधित किया. आज के संबोधन में उन्होंने सरदार पटेल को याद किया और लोगों से रन फॉर यूनिटी में हिस्सा लेने की अपील की.पीएम मोदी ने कहा कि 31 अक्तूबर हम सबके […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 28, 2018 10:58 AM

नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार 28 अक्टूबर को यानी आज 49वीं बार रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के जरिए देशवासियों को संबोधित किया. आज के संबोधन में उन्होंने सरदार पटेल को याद किया और लोगों से रन फॉर यूनिटी में हिस्सा लेने की अपील की.पीएम मोदी ने कहा कि 31 अक्तूबर हम सबके प्रिय सरदार वल्लभभाई पटेल की जयन्ती और हर वर्ष की तरह ‘रन फॉर यूनिटी ’ के लिए देश का युवा एकता के लिए दौड़ने को तैयार हो गया है. मेरा आग्रह है कि आप सभी बड़ी संख्या में एकता की इस दौड़ ‘रन फॉर यूनिटी ’ में भाग लें.

पीएम मोदी ने कहा कि 27 जनवरी 1947 को विश्व की प्रसिद्ध international magazine ‘Time Magazine’ ने जो संस्करण प्रकाशित किया था, उसके cover page पर सरदार पटेल का फोटो लगा था. अपनी lead story में उन्होंने भारत का एक नक्शा दिया था और ये वैसा नक्शा नहीं था जैसा हम आज देखते हैं. उन्होंने कहा कि ये एक ऐसे भारत का नक्शा था जो कई भागों में बंटा हुआ था. तब 550 से ज्यादा देशी रियासते थीं. भारत को लेकर अंग्रेजों की रूचि ख़त्म हो चुकी थी, लेकिन वो इस देश को छिन्न-भिन्न करके छोड़ना चाहते थे. ‘Time Magazine’ ने लिखा था कि भारत पर विभाजन, हिंसा, खाद्यान्न -संकट, महंगाई और सत्ता की राजनीति जैसे खतरे मंडरा रहे थे.

आगे प्रधानमंत्री ने कहा कि गांधी जी ने सरदार पटेल से कहा कि राज्यों की समस्याएं विकट हैं और केवल आप ही इनका हल निकाल सकते हैं. सरदार पटेल ने सभी रियासतों का भारत में विलय कराया और देश को एकता के सूत्र में पिरोने के असंभव कार्य को पूरा कर दिखाया. एकता के बंधन में बंधे इस राष्ट्र को देख कर हम स्वाभाविक रूप से सरदार वल्लभभाई पटेल का पुण्य स्मरण करते हैं. इस 31 अक्तूबर को सरदार पटेल की जयन्ती और भी विशेष होगी – इस दिन सरदार पटेल को सच्ची श्रद्धांजलि देते हुए हम #StatueOfUnity राष्ट्र को समर्पित करेंगे. उन्होंने कहा कि गुजरात में नर्मदा नदी के तट पर स्थापित इस प्रतिमा की ऊंचाई अमेरिका के Statue of Liberty से दो गुनी है. ये विश्व की सबसे ऊंची गगनचुम्बी प्रतिमा है.

इंदिरा को भी दी श्रद्धांजलि

‏पीएम मोदी ने कहा किकल हमने ‘Infantry Day’ मनाया है. मैं उन सभी को नमन करता हूं जो भारतीय सेना का हिस्सा हैं। मैं सैनिकों के परिवार को भी उनके साहस के लिए सलाम करता हूं. क्या आप जानते हैं कि हिन्दुस्तान के नागरिक ये #InfantryDay क्यों मानते हैं? यह वही दिन है, जब भारतीय सेना के जवान कश्मीर की धरती पर उतरे थे और घुसपैठियों से घाटी की रक्षा की थी. 31 अक्तूबर को हमारी भूतपूर्व प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी जी की भी पुण्यतिथि है. इंदिरा जी को भी आदरपूर्वक श्रद्धांजलि.

खेल का जिक्र

‏पीएम मोदी ने कहा कि खेल किसको पसंद नहीं है. खेल जगत में spirit, strength, skill, stamina – ये सारी बातें बहुत ही महत्वपूर्ण हैं. यह किसी खिलाड़ी की सफलता की कसौटी होते हैं और यही चारों गुण किसी राष्ट्र के निर्माण के भी महत्वपूर्ण होते हैं. किसी देश के युवाओं के भीतर अगर ये हैं तो वो देश न सिर्फ अर्थव्यवस्था, विज्ञान और technology जैसे क्षेत्रों में तरक्की करेगा बल्कि sports में भी अपना परचम फहराएगा.उन्होंने कहा कि हाल ही में मुझे जकार्ता में हुई Asian Para Games 2018 के हमारे Para Athletes से मिलने का मौका मिला. इन खेलों में भारत ने कुल 72 पदक जीतकर नया रिकॉर्ड बनाया और भारत का गौरव बढ़ाया. खिलाड़ियों की दृढ़ इच्छाशक्ति और हर विपरीत परिस्थिति से लड़कर आगे बढ़ने का उनका जज़्बा सभी देशवासियों को प्रेरित करने वाला है.इसी तरह से Argentina में हुई Summer Youth Olympics 2018 के विजेताओं से मिलने का मौका मिला. आपको ये जान करके प्रसन्नता होगी कि Youth Olympics 2018 में हमारे युवाओं ने अब तक का सबसे बेहतरीन प्रदर्शन किया.इस आयोजन में हमने 13 पदक के अलावा mix event में 3 और पदक हासिल किये. इस बार Asian Games में भी भारत का प्रदर्शन बेहतरीन रहा. ये है आज के भारतीय खेलों की कहानी जो दिनों दिन नई ऊचाईयां छू रही है. भारत की खेलों में उत्कृष्टता के बढ़ते दायरे को देखा जा सकता है.उन्होंने कहा कि आप सभी को याद होगा कि हमने 2017 में FIFA Under 17 World Cup का सफल आयोजन किया था. देश के अलग-अलग स्टेडियम में 12 लाख से अधिक लोगों ने फुटबॉल मैचों का आनंद लिया और युवा खिलाड़ियों का हौसला बढ़ाया.

Hockey World Cup

पीएम मोदी ने कहा कि इस वर्ष भारत को भुवनेश्वर में पुरुष हॉकी वर्ल्ड कप 2018 के आयोजन का सौभाग्य मिला है. Hockey World Cup 28 नवम्बर से प्रारंभ हो कर 16 दिसम्बर तक चलेगा.खेल के साथ ये ओड़िसा दर्शन का भी बड़ा अवसर है। इस दौरान पुरी में भगवान् जगन्नाथ मंदिर समेत कई विश्वप्रसिद्ध दर्शनीय और पवित्र स्थल भी जरुर देख सकते हैं.मैं इस प्रतियोगिता के लिए भारतीय पुरुष हॉकी टीम को शुभकामनाएं देता हूं और उन्हें विश्वास दिलाता हूं कि सभी भारतीय उनके साथ खड़े हैं. भारत आने वाली विश्व की सभी टीमों को भी बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं.

आदिवासी पेड़-पौधों और फूलों की पूजा करते हैं देवी-देवताओं की तरह
पीएम मोदी ने कहा कि सामाजिक कार्य के लिए जिस प्रकार से लोग आगे आ रहे हैं, इसके लिए Volunteering कर रहे हैं, ये पूरे देशवासियों के लिए प्रेरणादायक है. वैसे सेवा परमो धर्मः ये भारत की विरासत है. आज विश्व पर्यावरण संरक्षण की चर्चा कर रहा है. भारत भी इस समस्या से अछूता नहीं है. इसके हल के लिए हमें अपने समृद्ध इतिहास,परंपराओं को देखना होगा, खासकर अपने जनजातीय समुदायों की जीवनशैली को समझना होगा. प्रकृति के साथ सामंजस्य बनाकर के रहना हमारे आदिवासी समुदायों की संस्कृति में शामिल रहा है. हमारे आदिवासी भाई-बहन पेड़-पौधों और फूलों की पूजा देवी-देवताओं की तरह करते हैं.यह आश्चर्य की बात नहीं है कि हमारे सबसे पहले स्वतंत्र सेनानियों में आदिवासी समुदाय के लोग ही थे. भगवान बिरसा मुंडा को कौन भूल सकता है जिन्होंने अपनी वन्य भूमि की रक्षा के लिए ब्रिटिश शासन के खिलाफ़ कड़ा संघर्ष किया था.

धान की पराली का जिक्र
पीएम मोदी ने कहा कि हम उन व्यक्तियों और संस्थाओं के बारें में बाते करते हैं जो समाज के लिए कुछ असाधारण कार्य कर रहे हैं. पंजाब का एक और गांव कल्लर माजरा इसलिए चर्चित हुआ है क्योंकि वहां के लोग धान की पराली जलाने की बजाय उसे जोतकर उसी मिट्टी में मिला देते हैं. कल्लर माजरा और उन सभी जगहों के लोगों को बधाई जो वातावरण को स्वच्छ रखने के लिए अपना श्रेष्ठ प्रयास कर रहें हैं. उन्होंने कहा कि जब कभी भी विश्व शान्ति की बात होती है तो इसको लेकर भारत का नाम और योगदान स्वर्ण अक्षरों में अंकित दिखेगा.

नवंबर में प्रथम विश्व युद्ध हुआ था समाप्त
भारत के लिए इस वर्ष 11 नवम्बर का विशेष महत्व है क्योंकि 11 नवम्बर को आज से 100 वर्ष पूर्व प्रथम विश्व युद्ध समाप्त हुआ था. यानी उस दौरान हुए भारी विनाश और जनहानि की समाप्ति की एक सदी पूरी हो जाएगी.पिछले 100 वर्षों में शान्ति की परिभाषा बदल गई है. आज शान्ति और सौहार्द का मतलब सिर्फ युद्ध का न होना नहीं है. आतंकवाद से लेकर जलवायु परिवर्तन, आर्थिक विकास से लेकर सामाजिक न्याय, इन सबके लिए वैश्विक सहयोग और समन्वय के साथ काम करने की आवश्यकता है.

त्योहारों की शुभकामनाएं

प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे नार्थ इस्ट की बात ही कुछ और है. पूर्वोत्तर का प्राकृतिक सौन्दर्य अनुपम है और यहां के लोग अत्यंत प्रतिभाशाली है. नार्थ इस्ट अब तमाम best deeds के लिए भी जाना जाता है. कुछ दिन पहले सिक्किम में sustainable food system को प्रोत्साहन देने के लिए प्रतिष्ठित Future Policy Gold Award 2018 जीता है. अपने संबोधन के अंत में उन्होंने कहा कि मौसम बदलने के साथ-साथ त्योहारों का भी मौसम आ गया है. धनतेरस, दीपावली, भैय्या-दूज, छठ एक तरीके से कहा जाए तो नवम्बर का महीना त्योहारों का ही महीना है. आप सभी देशवासियों को इन सभी त्योहारों की ढ़ेर सारी शुभकामनाएं.

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