राहुल गांधी ने किया भाजपा पर हमला, कहा- मैं ‘हिंदूवादी नेता” नहीं, बल्कि ‘राष्ट्रवादी नेता” हूं

इंदौर : कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपने खिलाफ भाजपा के ‘फैंसी ड्रेस हिंदूवाद’ के आरोप पर पलटवार करते हुए खुद को ‘राष्ट्रवादी नेता’ बताया और मंगलवार को कहा कि उन्हें मंदिर जाने के लिये भाजपा के प्रमाणपत्र की आवश्यकता नहीं है. हालांकि, उन्होंने जोर देकर यह भी कहा कि वह ‘हिंदूवादी नेता’ नहीं, बल्कि […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 30, 2018 1:48 PM

इंदौर : कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपने खिलाफ भाजपा के ‘फैंसी ड्रेस हिंदूवाद’ के आरोप पर पलटवार करते हुए खुद को ‘राष्ट्रवादी नेता’ बताया और मंगलवार को कहा कि उन्हें मंदिर जाने के लिये भाजपा के प्रमाणपत्र की आवश्यकता नहीं है. हालांकि, उन्होंने जोर देकर यह भी कहा कि वह ‘हिंदूवादी नेता’ नहीं, बल्कि हर धर्म और हर वर्ग के नेता हैं.

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राहुल ने यहां चुनिंदा संपादकों और पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में कहा, ‘‘जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह किसी मंदिर में दर्शन के वक्त संबंधित देवस्थान की परंपरा के मुताबिक वस्त्र पहनते हैं, तो भाजपा इस पर खामोश रहती है. लेकिन जब मैं, कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया किसी मंदिर में वहां की परंपरा के मुताबिक कपड़े पहनते हैं, तो हमारे लिये कहा जाता है कि हम फैंसी ड्रेस हिंदूवाद का प्रदर्शन कर रहे हैं."

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गौरतलब है कि राहुल ने मध्यप्रदेश में 28 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर मालवा-निमाड़ अंचल में कांग्रेस के दो दिवसीय प्रचार अभियान की शुरूआत कल सोमवार को उज्जैन में महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग के दर्शन-पूजन के साथ की थी. चुनावी दौर में राहुल के अलग-अलग मंदिरों में पारम्परिक वेश-भूषा में दिखायी देने पर भाजपा ने आरोप लगाया था कि कांग्रेस अध्यक्ष हिन्दुओं की आँखों में धूल झोंकने के लिये "फैंसी ड्रेस हिंदूवाद" का प्रदर्शन कर रहे हैं.
राहुल ने तल्ख लहजे में सवाल किया, ‘‘क्या देश के मंदिर भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की संपत्ति हैं ? क्या वहां जाने का ठेका केवल मोदी और शाह के पास है?" उन्होंने कहा, ‘‘मेरा किसी भी मंदिर में भगवान के दर्शन का मन करेगा, तो मैं वहां जरूर जाऊंगा. मुझे मंदिर जाने के लिये भाजपा से प्रमाणपत्र लेने की जरूरत नहीं है. मैं हिन्दू धर्म को भाजपा से बेहतर समझता हूं.’ बहरहाल, उन्होंने एक सवाल पर कहा कि चूंकि वह हर धर्म के विश्वासों का सम्मान करते हैं, इसलिये वह मस्जिद, गुरुद्वारा, चर्च और अन्य आराधना स्थलों में भी जाते हैं.
राहुल ने कहा, ‘‘मैं हिंदूवादी नेता नहीं, बल्कि राष्ट्रवादी नेता हूं। मैं हर धर्म, हर जाति, हर भाषा और हर वर्ग का नेता हूं.’ कांग्रेस अध्यक्ष ने ‘हिंदूवाद’ और ‘हिंदुत्व’ को एकदम अलग-अलग अवधारणाएं बताते हुए कहा, ‘‘हिंदूवाद दूसरों के प्रति प्रेम व सम्मान प्रदर्शित करने वाली, खुली सोच वाली और प्रगतिशील अवधारणा है, जबकि भाजपा की हिंदुत्व की परिकल्पना की नींव में ही नफरत, असुरक्षा और क्रोध है.’

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उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा का हिंदुत्व पर ठेका है. लेकिन हिंदूवाद पर किसी का ठेका नहीं हो सकता, क्योंकि यह महान अवधारणा है और इस पर किसी एक समूह का कब्जा नहीं हो सकता.’ राहुल ने कहा, ‘‘हम हिंदुत्व में नहीं, बल्कि हिंदूवाद में यकीन रखने वाली पार्टी हैं.’ कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘‘गुजरात के पिछले विधानसभा चुनावों के दौरान जब मैं वहां के मंदिरों में गया, तो भाजपा यह सोचकर पागल-सी हो गयी कि मैं वहां कैसे चला गया। हालांकि, मैं पहले भी मंदिरों में जा चुका हूं. मैं अयोध्या भी गया हूं.’
अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण का मुद्दा आगामी चुनावों से पहले फिर गरमाने की कोशिश को लेकर पूछे गये सवाल पर उन्होंने नरेंद्र मोदी सरकार पर हमला करते हुए कहा, "मोदी सरकार भ्रष्टाचार मिटाने, जनता के अच्छे दिन लाने, युवाओं को रोजगार प्रदान करने और किसानों को सही दाम दिलाने के वादे निभाने में नाकाम रही है. मोदी सरकार के पास (आगामी चुनावों में हार से) बचने का अब केवल एक ही रास्ता दिख रहा है. लेकिन वे खुद को बचा नहीं सकेंगे.’

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