भोपाल/इंदौर : मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के बेटे कार्तिकेय चौहान ने उनका नाम पनामा पेपर लीक मामले में घसीटने के एक दिन बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ मंगलवार को भोपाल की एक अदालत में मानहानि का मामला दर्ज कराया. हालांकि, राहुल गांधी ने इसके एक दिन बात अपनी बात से पलट गये. उन्होंने अपनी सफाई में कहा कि भाजपा शासित राज्यों में कथित तौर पर इतने घोटाले हुए हैं कि वह चकरा गये.
कार्तिकेय ने अतिरिक्त जिला न्यायाधीश सुरेश सिंह की विशेष अदालत में दायर मानहानि के मामले में आरोप लगाया कि राहुल ने उन्हें तथा उनके परिवार को बदनाम करने के लिए जान-बूझकर यह बयान दिया है. राहुल के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 499 एवं 500 के तहत आपराधिक मानहानि का मामला दर्ज किया गया है. अदालत में इस मामले में कार्तिकेय के बयान दर्ज करने के लिए अगली सुनवाई तीन नवंबर को तय की है. कार्तिकेय के वकील शिरीश श्रीवास्तव ने कहा, जब वह (कांग्रेस) मुख्यमंत्री की लोकप्रियता को रोकने में असफल हो गये, तो उन्होंने चौहान और उसके परिजन को बदनाम करने के लिए जान-बूझकर ऐसा बयान दिया. अब वह मुख्यमंत्री एवं उनके बच्चों पर आरोप लगा रहे हैं. स्पष्ट रूप से यह इरादतन बयान था. यह पूर्व नियोजित बयान था.
सोमवार की रात कार्तिकेय ने ट्विटर पर लिखा, राहुल गांधीजी ने मेरे पनामा पेपर्स में संलिप्त होने का झूठा बयान दिया है. मैं व्यथित हूं कि बचपने की आड़ में सार्वजनिक मंच से मेरी व मेरे परिवार की प्रतिष्ठा खंडित की गयी है. यदि 48 घंटे में उन्होंने माफी नहीं मांगी तो मैं उन पर कठोरतम कानूनी कार्रवाई के लिए बाध्य हो जाऊंगा. मुख्यमंत्री चौहान पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए एक जनसभा को संबोधित करते हुए राहुल ने सोमवार को मध्यप्रदेश के झाबुआ में कहा था, मामाजी (शिवराज का लोकप्रिय उपनाम) के जो बेटे हैं, उनका नाम पनामा के पेपरों में निकलता है.
इन दस्तावेजों में पाकिस्तान के (पूर्व) प्रधानमंत्री नवाज शरीफ का नाम भी सामने आया था. इस पर पाकिस्तान जैसे देश में शरीफ को जेल में डाल दिया गया. मगर, यहां मुख्यमंत्री के बेटे पर पनामा पेपर मामले में कोई कार्रवाई नहीं होती. हालांकि, राहुल ने इस बारे में ज्यादा विस्तृत विवरण नहीं दिया था. मध्यप्रदेश में 28 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर राहुल सोमवार को झाबुआ में अपनी पार्टी के लिए चुनाव प्रचार अभियान में आये थे और गफलत में ‘छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री के बेटे का नाम है पनामा पेपर्स में’ कहने की बजाय ‘मध्यप्रदेश के मामा (मुख्यमंत्री) के बेटे का नाम पनामा पेपर्स में’ है बोल गये थे.
हालांकि, आरोप लगाने के अगले ही दिन मंगलवार को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी अपनी बात से पलट गये. उन्होंने अपनी सफाई में कहा कि भाजपा शासित राज्यों में कथित तौर पर इतने घोटाले हुए हैं कि वह चकरा गये थे. राहुल ने इंदौर में चुनिंदा संपादकों और पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में मंगलवार को कहा, मैं आसन्न विधानसभा चुनावों के प्रचार के लिए मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान जा रहा हूं. इन राज्यों में सत्तारूढ़ भाजपा का इतना भ्रष्टाचार और इतने घोटाले हैं कि सोमवार को मैं चकरा गया. पनामा पेपर लीक मामले में शिवराज (परिवार) की कोई भूमिका नहीं है.
बहरहाल, कांग्रेस अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) और ई-टेंडरिंग के कुख्यात घोटालों में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री की भूमिका है. राहुल के संबंधित बयान के बाद शिवराज ने सोमवार की देर रात ट्वीट कर कहा था, पिछले कई वर्षों से कांग्रेस मेरे और मेरे परिवार के ऊपर अनर्गल आरोप लगा रही है. हम सबका सम्मान करते हुए मर्यादा रखते हैं. लेकिन, राहुल गांधी ने यह कहकर सारी हदें पार कर दीं कि मेरे बेटे कार्तिकेय सिंह चौहान का नाम पनामा पेपर्स में आया है. मुख्यमंत्री ने अपने ट्वीट में इस आशय की बात भी कही थी कि उनके बेटे पर झूठा आरोप लगाने के लिए राहुल के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया जायेगा.