तिरुवनंतपुरम : सबरीमला मामले में उच्चतम न्यायालय के फैसले का विरोध कर रहे जाति आधारित संगठन नायर सर्विस सोसायटी (एनएसएस) के कार्यालय में शुक्रवार सुबह कुछ शरारती तत्वों ने तोड़फोड़ की. पुलिस अधिकारियों ने यह जानकारी दी.
उन्होंने बताया कि नीमोम स्थित इस कार्यालय पर कुछ असामाजिक तत्वों ने कथित तौर पर पत्थर फेंके और वहां लगा उनका ध्वज-स्तंभ नष्ट कर दिया. इस इमारत के भीतर बने संत और समाज सुधारक चट्टांपी स्वामी के स्मारक के शीशे भी तोड़ दिये. यह मामला तब प्रकाश में आया जब स्थानीय लोगों ने इसकी जानकारी पुलिस को दी. पुलिस ने बताया कि मामला दर्ज करके जांच की जा रही है. एनएसएस सबरीमला मंदिर में सभी आयु वर्ग की महिलाओं को प्रवेश देने के उच्चतम न्यायालय के फैसले का विरोध कर रहा है. यह संगठन राज्य में प्रभावशाली नायर तबके से संबंधित है. ये संगठन चर्चा में तब आया जब राज्य में सत्तारूढ़ वाम लोकतांत्रिक मोर्चे (एलडीएफ) ने सबरीमला में बने भगवान अय्यपा के मंदिर में सभी आयु वर्ग की महिलाओं को जाने की इजाजत देने के शीर्ष न्यायालय के निर्णय को लागू करने का फैसला किया.
एनएसएस ने बुधवार को कहा था कि वह उन सभी भक्तों के साथ दृड़ता के साथ खड़ा है जो मंदिर में रजस्वला आयु वर्ग की महिलाओं को प्रवेश देने का विरोध कर रहे हैं. एनएसएस ने उच्चतम न्यायालय के फैसले पर समीक्षा याचिका भी दायर की है. इस पर 13 नवंबर को सुनवाई होगी. एनएसएस के अलावा भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस भी फैसले का विरोध कर रहे भक्तों का समर्थन कर रही हैं. इस बीच, भक्तों ने आगामी सालाना तीन महीने लंबी तीर्थयात्रा के दौरान राज्य सरकार के खिलाफ अपने विरोध को तेज करने की बात भी कही है.