नयी दिल्ली : केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने नेहरू स्मारक संग्रहालय एवं पुस्तकालय (एनएमएमएल) में पत्रकार अर्णब गोस्वामी, पूर्व विदेश सचिव एस जयशंकर, भाजपा सांसद विनय सहस्रबुद्धे और पत्रकार एवं इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र (आईजीएनसीए) के अध्यक्ष राम बहादुर राय को बतौर सदस्य नियुक्त किया है.
तीन मूर्ति एस्टेट में सभी प्रधानमंत्रियों के लिए एक संग्रहालय बनाने के कदम का विरोध करनेवाले चार सदस्यों की जगह पर इनकी नियुक्ति की गयी है. बहरहाल, कई महिला पत्रकारों की ओर से यौन उत्पीड़न के आरोप लगाये जाने के बाद बीते 17 अक्तूबर को केंद्रीय मंत्री पद से इस्तीफा देनेवाले एमजे अकबर एनएमएमएल की कार्यकारी परिषद के उपाध्यक्ष पद पर बने हुए हैं. बीते 29 अक्तूबर को जारी की गयी एक अधिसूचना के मुताबिक, केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय ने अर्थशास्त्री नितिन देसाई, प्रोफेसर उदयन मिश्रा और पूर्व नौकरशाह बीपी सिंह को सदस्य पद से हटाया. एक अन्य सदस्य प्रताप भानु मेहता ने शक्ति सिन्हा को एनएमएमएल का निदेशक नियुक्त करने के मुद्दे पर 2016 में इस्तीफा दे दिया था. आदेश के मुताबिक, नवनियुक्त सदस्य 25 अप्रैल 2020 तक एनएमएमएल में अपनी सेवाएं देंगे.
सूत्रों ने बताया कि प्रताप भानु मेहता, बीपी सिंह और उदयन मिश्रा ने तीन मूर्ति एस्टेट में सभी प्रधानमंत्रियों के लिए संग्रहालय बनाने के निर्णय का खुला विरोध किया था. एनएमएमएल के निदेशक शक्ति सिन्हा ने इस घटना पर बताया, उनके कार्यकाल खत्म नहीं हुए हैं. उनकी जगह अन्य लोगों की नियुक्ति की गयी है. इन नियुक्तियों की वजह पूछे जाने पर सिन्हा ने कहा कि वे एनएमएमएल को एक शोध केंद्र के तौर पर विकसित करने के लक्ष्य को हासिल करने में मदद करेंगे. उन्होंने कहा, यह एनएमएमएल को शोध का केंद्र बनाने की बड़ी योजना का हिस्सा है. राम बहादुर राय पिछले 50 साल से भारतीय राजनीतिक परिदृश्य पर टिप्पणी करते रहे हैं. वह कुछ प्रधानमंत्रियों को व्यक्तिगत तौर पर जानते थे. सिन्हा ने कहा, जयशंकर हमें एक अंतदृष्टि प्रदान करेंगे कि शीर्ष स्तर पर फैसले कैसे किए जाते हैं.
वरिष्ठ पत्रकार और अपने शुरुआती दिनों में शोधार्थी होने के नाते गोस्वामी भारतीय राजनीतिक इतिहास पर शोध एवं सूचना का डेटाबेस तैयार करने की हमारी योजना में खासा योगदान करेंगे. भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (आईसीसीआर) के अध्यक्ष सहस्रबुद्धे ने ट्वीट कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का शुक्रिया अदा किया और सभी प्रधानमंत्रियों के लिए प्रस्तावित संग्रहालय का विरोध करनेवालों पर निशाना साधा. सहस्रबुद्धे ने ट्वीट किया, नेहरू स्मारक संग्रहालय एवं पुस्तकालय के बोर्ड में होना सम्मान की बात है. पीएम नरेंद्र मोदीजी, (मंत्री) महेश शर्माजी का बहुत धन्यवाद. उम्मीद के मुताबिक ही, समावेशी लोकतंत्र की बातें करनेवाले पंडित नेहरू स्मारक को जस का तस रखते हुए एनएमएमएल को सभी प्रधानमंत्रियों के संग्रहालय में बदलने का विरोध कर रहे हैं. बीते 15 अक्तूबर को संस्कृति मंत्री महेश शर्मा ने संग्रहालय के लिए भूमि पूजन किया था.