नयी दिल्ली : दिल्ली की वायु गुणवत्ता में रविवार को सुधार देखने को मिला. पिछले तीन सप्ताह से लगातार प्रदूषण स्तर ‘गंभीर’ और ‘बेहद खराब’ चल रहा था, जिसमें सुधार होते हुए अब यह ‘खराब’ की श्रेणी में आ गया है.
रविवार को संपूर्ण वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआइ) 231 दर्ज किया गया, जो कि ‘खराब’ श्रेणी के तहत आता है.
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार, शुक्रवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआइ) 370 दर्ज किया गया था, जो कि शनिवार को 336 हो गया.
रविवार को पीएम 2.5 (कणों की माप 2.5 माइक्रोमीटर से कम थी) का स्तर 106 दर्ज किया गया, जबकि पीएम 10 (कणों की माप 10 माइक्रोमीटर से कम थी) का स्तर 198 दर्ज किया गया.
गौरतलब है कि सूचकांक शून्य से 50 तक होने पर हवा को ‘अच्छा’, 51 से 100 होने पर ‘संतोषजनक’, 101 से 200 के बीच ‘सामान्य’, 201 से 300 से ‘खराब’, 301 से 400 तक ‘बहुत खराब’ और 401 से 500 के बीच को ‘गंभीर’ श्रेणी में रखा जाता है.
दिल्ली प्रशासन ने प्रदूषण से निबटने के लिए कई तरह के प्रयास किये हैं, जिसमें निर्माण कार्य को रोकने सहित यातायात संबंधी गतिविधियों पर नियंत्रण लगाना शामिल है. खुदाई समेत दिल्ली में सभी तरह के निर्माण कार्यों को रोक दिया गया है.
दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के जिलों में नागरिक निर्माण कार्य भी रोकदियेगये हैं. धूल को बढ़ाने वाले कामों जैसे पत्थरों को तोड़ने वाले कार्य और मिश्रण बनाने के कार्यों पर भी रोक है.
दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) ने यातायात विभाग और यातायात पुलिस को निर्देश दिया है कि वह 1-10 नवंबर के बीच प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों की जांच करें और यातायात की भीड़ को नियंत्रित करें.
प्रदूषण गतिविधियों की निगरानी रखने, तत्काल कार्रवाई करने के लिए 1-10 नवंबर तक ‘क्लीन एयर कैंपेन’ चलाया जा रहा है.
दिल्ली-एनसीआर में इस अभियान के तहत शुक्रवार और शनिवार को नियमों का उल्लंघन करने वालों से कुल 80 लाख रुपये का जुर्माना वसूला गया.
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने बताया कि 465 शिकायतों के आधार पर सिर्फ शनिवार को राष्ट्रीय राजधानी में 52 टीमों ने 41,82,500 रुपये जुर्माना वसूला.