वायु प्रदूषण से लड़ने के लिए भारत ने अपना ‘स्मॉग टावर’ बनाया
नयी दिल्ली: वायु प्रदूषण से बुरी तरह जूझ रही दिल्ली की एक स्टार्टअप कंपनी ने 40 फुट लंबा ऐसा प्यूरीफायर बनाया है, जो उसके तीन किलोमीटर के दायरे में रह रहे 75,000 लोगों को स्वच्छ हवा दे सकता है. कुरीन सिस्टम्स के सह संस्थापक पवनीत सिंह पुरी ने बताया कि कंपनी को हाल ही में […]
नयी दिल्ली: वायु प्रदूषण से बुरी तरह जूझ रही दिल्ली की एक स्टार्टअप कंपनी ने 40 फुट लंबा ऐसा प्यूरीफायर बनाया है, जो उसके तीन किलोमीटर के दायरे में रह रहे 75,000 लोगों को स्वच्छ हवा दे सकता है.
कुरीन सिस्टम्स के सह संस्थापक पवनीत सिंह पुरी ने बताया कि कंपनी को हाल ही में ‘दुनिया के सबसे लंबे और साथ ही सबसे मजबूत प्यूरीफायर’ के लिए पेटेंट मिला है.
विश्व बौद्धिक संपदा संगठन ने हाल ही में इसके बारे में जानकारी दी थी.
पुरी ने बताया कि राष्ट्रीय राजधानी की आबोहवा को ध्यान में रख कर बनाया गया अपनी तरह का अनोखा प्यूरीफायर अपने तीन किलोमीटर के दायरे में रह रहे 75,000 लोगों को स्वच्छ वायु दे सकता है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, दुनिया के 10 सबसे प्रदूषित शहरों में से छह शहर भारत के हैं, जिसमें दिल्ली इस सूची में सबसे ऊपर है.
ग्रीन पीस की पिछले साल प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में वायु प्रदूषण के कारण हर साल 12 लाख लोगों की मौत होती है.
कुरीन ने इस प्यूरीफायर को ‘सिटी क्लीनर’ नाम दिया है. इसकी लंबाई 40 फुट है. इसके निर्माताओं का कहना कि इसमें प्रतिदिन 3.2 करोड़ क्यूबिक मीटर की हवा को स्वच्छ करने की क्षमता है.
उन्होंने बताया कि यह प्यूरीफायर अपने चारों ओर की हवा खींचेगा और यह प्रत्येक घंटे 13,00,000 क्यूबिक मीटर हवा साफ करेगा. प्यूरीफायर की अनुमानित कीमत प्रति टावर 1.75 करोड़ से दो करोड़ के बीच हो सकती है.
पुरी ने कहा, ‘हमने मूल तकनीक का इस्तेमाल कर छह फुट लंबा मॉडल बनाया और पाया कि यह अच्छा काम कर रहा है. अच्छी तरह भरोसा होने पर हमने आनंद विहार और गाजियाबाद में अस्पतालों, पशु अस्पतालों, वाणिज्यिक दुकानों और लोगों को इसके नमूने दिये, ताकि विषम स्थितियों में हमारे यंत्र के काम करने की जांच की जा सके.’