भोपाल : मध्य प्रदेश विधानसभा के लिए 28 नवंबर को होनेवाले चुनाव से ठीक 20 दिन पहले भाजपा को करारा झटका देते हुए पार्टी के 77 वर्षीय वरिष्ठ नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री सरताज सिंह टिकट न मिलने से फूट-फूट कर रो पड़े और चंद ही मिनटों बाद भाजपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गये. सरताज सिंह को कांग्रेस ने पार्टी में शामिल होने के तुरंत बाद होशंगाबाद विधानसभा क्षेत्र से अपना प्रत्याशी बना दिया.
इसी के साथ कांग्रेस ने अब तक प्रदेश की 230 सीटों में से 225 पर अपने प्रत्याशी घोषित कर दिये हैं. कांग्रेस को अब केवल पांच सीटों पर ही अपने प्रत्याशियों का ऐलान करना है, जिनमें बुधनी, मानपुर, इंदौर-दो, इन्दौर-पांच एवं जतारा शामिल हैं. कांग्रेस बुधनी सीट पर भाजपा प्रत्याशी एवं मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ मजबूत उम्मीदवार की तलाश कर रही है, ताकि चौहान को अपनी ही परंपारिक बुधनी सीट तक सीमित रखा जा सके. सरताज सिंह ने कहा, मैं कांग्रेस का आभारी हूं कि उसने मुझे होशंगाबाद सीट से टिकट दिया है. मैं 58 साल तक भाजपा में रहा, इसके बावजूद भाजपा ने मुझे इस बार टिकट नहीं दिया. मैं जनता के बीच रहकर उसकी और सेवा करना चाहता हूं, इसलिए चुनाव लड़ रहा हूं. उन्होंने कहा, मैं अपने घर में बैठकर माला नहीं जपना चाहता हूं. मैं लोगों की सेवा करना चाहता हूं.
भाजपा के सिख चेहरे रहे सरताज सिंह मध्य प्रदेश के होशंगाबाद जिले की सिवनी-मालवा से दो बार विधायक बने. वर्तमान में वह इस सीट से विधायक हैं और इस सीट से टिकट मांग रहे थे. हालांकि, इस सीट पर अब तक भाजपा ने अपना उम्मीदवार घोषित नहीं किया है. भाजपा ने गुरुवार को 32 प्रत्याशियों की तीसरी सूची जारी की. भाजपा ने अब तक जारी अपनी तीनों सूचियों में मध्य प्रदेश की कुल 230 विधानसभा सीटों में से 224 सीटों पर अपने प्रत्याशी घोषित कर दिये हैं. अब केवल छह सीटों पर ही प्रत्याशियों का ऐलान होना बाकी है, जिनमें सिवनी-मालवा के अलावा पन्ना, लखनादौन, भोपाल उत्तर, महिदपुर एवं गरोठ शामिल हैं. भाजपा से टिकट न मिलने से नाराज जब सरताज सिंह रो रहे थे, तब वह अपने समर्थकों के बीच बैठे हुए थे और अपने दोनों हाथों को कुछ क्षणों तक अपने चेहरे पर लगाकर अपने निकले हुए आंसुओं को छिपाने का प्रयास करते नजर आये. उनके समर्थकों ने बताया कि भाजपा ने वरिष्ठ विधायक सरताज सिंह को सूचित कर दिया है कि उन्हें सिवनी-मालवा से फिर से टिकट नहीं दिया जायेगा.
इससे पहले सिंह को मध्य प्रदेश के लोक निर्माण विभाग के मंत्री पद से वर्ष जून 2016 में कथित रूप से 75 साल की उम्र पार करने की वजह से हटाया गया था. सिंह के आंसू छलकने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए मध्य प्रदेश भाजपा प्रवक्ता अनिल सौमित्र ने बताया कि सरताज सिंह द्वारा ऐसा करना अशोभनीय है. सौमित्र ने कहा, भाजपा ने उन्हें बहुत कुछ दिया है. पार्टी ने उन्हें केंद्रीय मंत्री बनाया, दो बार मध्य प्रदेश का मंत्री बनाया, सांसद (होशंगाबाद से) बनाया एवं विधायक बनाया. इससे ज्यादा वह क्या चाहते हैं? उनकी 77 वर्ष की उम्र की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा, उनकी (सरताज) वानप्रस्थ की उम्र हो गयी है. वह वानप्रस्थ आश्रम की बजाय गृहस्थ आश्रम में ही रहना चाहते हैं.