नकवी ने कहा – जल्द सुलझाया जाये राम मंदिर का मुद्दा, मुसलमान चाहते हैं दोस्ताना हल

नयी दिल्ली : केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने रविवार को कहा कि राम मंदिर मुद्दे का जल्द से जल्द समाधान होना चाहिए. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि आम मुसलमान में सामाजिक एकता को नुकसान पहुंचानेवाली ‘टकराव की भावना’ नहीं होती. अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री नकवी ने विपक्ष के इस दावे को भी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 11, 2018 4:37 PM

नयी दिल्ली : केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने रविवार को कहा कि राम मंदिर मुद्दे का जल्द से जल्द समाधान होना चाहिए. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि आम मुसलमान में सामाजिक एकता को नुकसान पहुंचानेवाली ‘टकराव की भावना’ नहीं होती.

अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री नकवी ने विपक्ष के इस दावे को भी खारिज कर दिया कि भाजपा और इसके हिंदुत्ववादी सहयोगी अगले साल के लोकसभा चुनावों से पहले जानबूझकर राम मंदिर का मुद्दा उठा रहे हैं. उन्होंने कहा कि पिछले चुनाव में भी राम मंदिर का मुद्दा भाजपा के घोषणा-पत्र में शामिल था. अयोध्या में विवादित स्थल पर राम मंदिर निर्माण के लिए कानून बनाने की कई भाजपा नेताओं की मांग के बीच नकवी ने ‘प्रतीक्षा करो और देखो’ की नीति अपनाने की अपील की और कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार ने इस मुद्दे पर अब तक कुछ नहीं कहा है. नकवी ने एक इंटरव्यू में कहा, ‘सरकार का जो रुख होगा, वही मेरा भी रुख होगा. सरकार ने इस मुद्दे पर अब तक कुछ नहीं कहा है.’ उन्होंने कहा कि यह मुद्दा जल्द से जल्द सुलझाया जाना चाहिए.

यह पूछे जाने पर कि इस विवादित मुद्दे को मुस्लिम समुदाय किस तरह देखता है, इस पर अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री ने कहा, एक आम मुसलमान अमन-चैन और दोस्ताना हल चाहता है. एक आम मुसलमान में सामाजिक एकता को नुकसान पहुंचानेवाली टकराव की भावना नहीं होती. मंदिर के मुद्दे पर मुस्लिमों की तरफ से कोई प्रतिकूल बयान नहीं आने के बारे में पूछे जाने पर नकवी ने कहा, मुस्लिम समुदाय बहुत ही शांतिप्रिय समुदाय है. वह खुद को किसी विध्वंसक एजेंडा में शामिल नहीं करना चाहता. उन्होंने कहा, कुछ लोग, कुछ राजनीतिक पार्टियां अपने हित के लिए लोगों को उकसाने की कोशिश कर सकती हैं. लिहाजा, लोगों को लगता है कि इसका शांतिपूर्ण समाधान होना चाहिए और यह (मामला) खत्म होना चाहिए.

नकवी ने विपक्ष के इस दावे को खारिज कर दिया कि भाजपा और इसके हिंदुत्ववादी सहयोगी अगले साल के लोकसभा चुनावों से पहले जानबूझकर राम मंदिर का मुद्दा उठा रहे हैं. उन्होंने कहा कि यह मामला लंबे समय से अदालत में लंबित है और इससे जुड़े संगठनों को लगा था कि रोजाना सुनवाई होगी और मामले का समाधान जल्द हो जायेगा. लेकिन, ऐसा नहीं होने के कारण वे अपनी मांगें रख रहे हैं. नकवी ने कहा, लोगों की अपनी भावनाएं हैं और एक लोकतंत्र में उनकी अभिव्यक्ति पर प्रतिबंध नहीं लगा सकते. यह सिर्फ संयोग है कि चुनावों से पहले यह हुआ. वरना, यह तो पुराना मुद्दा है.

उन्होंने कहा कि पिछले चुनाव में भी राम मंदिर का मुद्दा भाजपा के घोषणा-पत्र में शामिल था. नकवी ने दावा किया कि मुस्लिम वोटरों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए समर्थन बढ़ रहा है. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के साढ़े चार साल के शासन में उनकी मानसिकता और रवैये में काफी बदलाव आया है और वे काफी सकारात्मक हो गये हैं. केंद्र सरकार के एकमात्र मुस्लिम मंत्री ने कहा, उन्होंने (मुस्लिमों ने) देखा है कि (मोदी का) विकास का एजेंडा किसी भेदभाव या राजनीतिक शोषण से बहुत दूर है. साल 2014 के लोकसभा चुनावों के मुकाबले अब मुस्लिमों में प्रधानमंत्री की छवि के बारे में पूछे जाने पर नकवी ने कहा कि उनके काम के कारण यह बहुत सकारात्मक और रचनात्मक है.

केंद्रीय मंत्री ने कहा, अमेरिका से लेकर अरब तक मोदी के सक्षम नेतृत्व को स्वीकार किया जा रहा है. हर भारतीय सोचता है कि मोदी देश की जरूरत हैं. उन्होंने दावा किया कि भाजपा की अगुवाईवाली राजग सरकार में एक भी बड़ा दंगा या कोई आतंकवादी वारदात नहीं हुई है.

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