रायपुर : छत्तीसगढ़ में हो रहे विधानसभा चुनाव के पहले चरण के तहत 18 सीटों के लिए कड़ी सुरक्षा के बीच मतदान जारी है और दोपहर 12 बजे तक करीब 23 फीसदी मतदाताओं ने अपने मताधिकार का उपयोग किया. इस बीच, दंतेवाड़ा जिले में नक्सलियों ने मतदान को बाधित करने के लिए बारूदी सुरंग में विस्फोट किया.
राज्य के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय के अधिकारियों ने सोमवार को यहां बताया कि राज्य विधानसभा चुनाव के लिए पहले चरण के तहत 10 सीटों पर सुबह सात बजे मतदान शुरू हुआ. वहीं, आठ सीटों पर एक घंटे बाद आठ बजे मतदान प्रारंभ हुआ.
उन्होंने बताया कि दोपहर 12 बजे तक करीब 23 फीसदी मतदाताओं ने अपने मताधिकार का उपयोग किया. राज्य के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने बताया कि दंतेवाड़ा जिले में नक्सलियों ने बारूदी सुरंग में विस्फोट कर सुरक्षा बलों को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की है.
अधिकारियों ने बताया कि जिले के तुमाकपाल-नयानार मार्ग पर नक्सलियों ने विस्फोट किया था. इस घटना में किसी के भी हताहत होने की सूचना नहीं है. मतदान दल सुरक्षित मतदान केंद्र तक पहुंच गया था.
राज्य के सुकमा जिले के पुलिस अधीक्षक अभिषेक मीणा ने बताया कि क्षेत्र में नक्सलियों के विरोध के बाद भी ग्रामीण मतदान करने निकल रहे हैं. मीणा ने बताया कि वर्ष 2013 में ‘भेज्जी दो’ और गोरखा मतदान केंद्र में कोई मतदान नहीं हुआ था. इस बार इन मतदान केंद्रों में 11 और 20 ग्रामीणों ने मतदान किया है.
वहीं ‘भेज्जी एक’ मतदान केंद्र में पिछली बार केवल एक मतदाता ने वोट डाला था, लेकिन इस बार मतदाता यहां मतदान कर रहे हैं.
अधिकारियों ने बताया कि प्रथम चरण के निर्वाचन वाले 18 विधानसभा क्षेत्रों में से 10 विधानसभा क्षेत्रों (मोहला-मानपुर, अंतागढ़, भानुप्रतापपुर, कांकेर, केशकाल, कोंडागांव, नारायणपुर, दंतेवाड़ा, बीजापुर और कोंटा) में सोमवार को सुबह सात बजे मतदान शुरू हो गया. इन केंद्रों पर दोपहर तीन बजे तक वोट डाले जायेंगे. शेष आठ विधानसभा क्षेत्र (खैरागढ़, डोंगरगढ़, राजनांदगांव, डोंगरगांव, खुज्जी, बस्तर, जगदलपुर और चित्रकोट), जिसमें से राजनांदगांव जिले के पांच और बस्तर जिले के तीन विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं, में सुबह आठ बजे मतदान शुरू हुआ. यहां शाम पांच बजे तक वोट डाले जायेंगे.
नक्सल प्रभावित आठ जिले के मतदाता मुख्यमंत्री रमन सिंह समेत 190 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला करेंगे. राज्य के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने बताया कि राज्य में प्रथम चरण के मतदान के लिए तैयारी पूरी कर ली गयी है. राज्य में शांतिपूर्ण मतदान के लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किये गये हैं. राज्य में सुरक्षा बल के लगभग सवा लाख जवानों को तैनात किया गया है.
उन्होंने बताया कि प्रथम चरण में कुल मतदान केंद्रों की संख्या 4336 है. यहां 31,80,014 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे. इनमें पुरुष मतदाताओं की संख्या 15,57,435 तथा महिला मतदाताओं की संख्या 16,22,492 है. 87 मतदाता तृतीय लिंग के हैं.
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने बताया कि प्रथम चरण में निर्वाचन संपन्न कराने के लिए कुल 19079 कर्मचारियों को नियुक्त किया गया है. दुर्गम और संवेदनशील क्षेत्रों के मतदान केंद्रों में कुल 942 मतदान कार्मिकों को हेलीकाॅप्टर के माध्यम से भेजा जा चुका है. बीजापुर जिले में 329 मतदान कर्मी, सुकमा जिले में 206, कांकेर जिले में 271, नारायणपुर जिले में 103, बस्तर जिले में 22 और कोंडागांव जिले में 11 मतदानकर्मियों को हेलीकाॅप्टर से भेजा गया है.
पहले चरण की 18 में से 12 सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए तथा एक सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है. आज जिन 18 सीटों पर मतदान हो रहा है, उनमें से मुख्यमंत्री रमन सिंह की सीट राजनांदगांव पर देश भर की नजर है. इस सीट पर सिंह के खिलाफ पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की भतीजी करुणा शुक्ला चुनाव मैदान में हैं.
शुक्ला को सिंह के खिलाफ प्रत्याशी बनाकर कांग्रेस ने वाजपेयी के नाम पर भाजपा को मिलने वाले वोटों पर सेंध लगाने की कोशिश की है. वहीं, पहले चरण के मतदान में मंत्री केदार कश्यप और महेश गागड़ा नारायणपुर और बीजापुर से चुनाव मैदान में हैं. भाजपा सांसद विक्रम उसेंडी अंतागढ़ सीट से उम्मीदवार हैं.
इधर, कांग्रेस के नौ विधायक भानुप्रतापपुर से मनोज सिंह मंडावी, कोंडागांव से मोहन लाल मरकाम, बस्तर से लखेश्वर बघेल, चित्रकोट से दीपक कुमार बैज, दंतेवाड़ा से देवती कर्मा, कोंटा से कवासी लखमा, खैरागढ़ से गिरीवर जंघेल, केसकाल से संतराम नेताम और डोंगरयहां संवाददाता सम्मेलन में गढ़ से दलेश्वर साहू के भाग्य का फैसला भी आज क्षेत्र के मतदाता करेंगे.
राज्य में विधानसभा चुनाव की घोषणा के साथ ही यहां जीत के लिए सभी राजनीतिक दलों ने अपनी ताकत झोंक दी है. पिछले चुनाव में सत्तधारी भाजपा को बस्तर और राजनांदगांव क्षेत्र की 18 सीटों में से केवल छह सीटों पर ही जीत मिली थी. छत्तीसगढ़ में अभी तक भाजपा और कांग्रेस के बीच मुकाबला होता आया है. लेकिन, इस बार पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी की पार्टी जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) और बहुजन समाज पार्टी गठबंधन भी चुनावी मैदान में हैं.
गठबंधन के कारण कई सीटों पर त्रिकोणीय मुकाबला होने की संभावना है. राज्य में 20 नवंबर को शेष 72 सीटों के लिए वोट डाले जायेंगे. वोटों की गिनती 11 दिसंबर को होगी. छत्तीसगढ़ में भाजपा पिछले 15 वर्षों से सत्ता में है और इस बार उसने 90 में से 65 सीटें जीतकर चौथी बार सरकार बनाने का लक्ष्य रखा है. वहीं, कांग्रेस को भरोसा है कि इस बार उन्हें जीत मिलेगी और 15 वर्ष का वनवास समाप्त होगा. राज्य के दोनों प्रमुख दल सरकार बचाने और बनाने को लेकर आमने-सामने हैं.