राफेल सौदा : केंद्र ने निर्णय लेने की प्रक्रिया के दस्तावेज याचिकाकर्ताओं को सौंपे
नयी दिल्ली : केंद्र ने सोमवार को उच्चतम न्यायालय के आदेश का पालन करते हुए राफेल विमान खरीदने के लिए निर्णय लेने की प्रक्रिया के विवरण से संबंधित दस्तावेज याचिकाकर्ताओं को सौंप दिये. इन याचिकाकर्ताओं ने फ्रांस से 36 राफेल लड़ाकू विमान खरीदने के सौदे की सीबीआई से जांच कराने का अनुरोध किया है. ’36 […]
नयी दिल्ली : केंद्र ने सोमवार को उच्चतम न्यायालय के आदेश का पालन करते हुए राफेल विमान खरीदने के लिए निर्णय लेने की प्रक्रिया के विवरण से संबंधित दस्तावेज याचिकाकर्ताओं को सौंप दिये. इन याचिकाकर्ताओं ने फ्रांस से 36 राफेल लड़ाकू विमान खरीदने के सौदे की सीबीआई से जांच कराने का अनुरोध किया है.
’36 राफेल लड़ाकू विमान खरीदने का आदेश देने के लिए निर्णय लेने की प्रक्रिया में उठाये गये कदमों का विवरण’ शीर्षक के इस दस्तावेज में कहा गया है कि राफेल विमान खरीदने के लिए, रक्षा खरीद प्रक्रिया-2013 में निर्धारित मानकों का पालन किया गया है. दस्तावेज में कहा गया है कि रक्षा खरीद प्रक्रिया में निर्धारित दिशानिर्देशों का पूरी तरह पालन किया गया है और विमान के लिए रक्षा अधिग्रहण परिषद की मंजूरी भी ली गयी. दस्तावेज के अनुसार, इस संबंध में बातचीत के लिए भारतीय वार्ताकार दल का गठन किया गया जिसने करीब एक साल तक फ्रांस के साथ बातचीत की और अंतर-सरकारी समझौते पर हस्ताक्षर करने से पहले सक्षम वित्तीय प्राधिकार मंत्रिमंडल की सुरक्षा मामलों की समिति की मंजूरी भी ली गयी.
शीर्ष अदालत के 31 अक्तूबर के आदेश के अनुसार ही यह दस्तावेज याचिकाकर्ताओं को सौंपा गया. अपने आदेश में शीर्ष अदालत ने कहा था कि इन विमानों की खरीद के लिए निर्णय लेने की प्रक्रिया में उठाये गये कदमों सहित सारा विवरण, जिसे वैध तरीके से सार्वजनिक दायरे में लाया जा सकता है, इस मामले में याचिका दायर करनेवाले पक्षों को उपलब्ध कराया जाये. न्यायालय ने केंद्र से यह भी कहा था कि 36 राफेल लड़ाकू विमानों को फ्रांस से खरीदने की कीमतों का विवरण भी दस दिन के भीतर सीलबंद लिफाफे में उसके समक्ष पेश किया जाये. शीर्ष अदालत ने केंद्र से स्पष्ट कहा था कि यदि कीमतों का विवरण ‘विशेष’ है और इसे न्यायालय के साथ साझा नहीं किया जा सकता, तो केंद्र को यह जानकारी देते हुए, इस बारे में हलफनामा दाखिल करना चाहिए. न्यायालय ने इस मामले को 14 नवंबर के लिये सूचीबद्ध कर रखा है.
राफेल सौदे की जांच के लिए अधिवक्ता मनोहर लाल शर्मा और फिर अधिवक्ता विनीत ढांडा ने याचिकाएं दायर कीं. इसके बाद, आप पार्टी के सांसद संजय सिंह ने अलग याचिका दायर की. पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा, अरुण शौरी तथा अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने भी इस मामले में एक संयुक्त याचिका दायर की है.