नयी दिल्ली : केन्द्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने ‘ग्लोबल कूलिंग’ पुरस्कार शुरू किये जाने की सोमवार को घोषणा की. इसके तहत आवासीय शीतलन (कूलिंग) प्रौद्योगिकी के विकास को प्रोत्साहित करने के लिए एक अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा होगी.
केंद्रीय मंत्री हर्षवर्धन ने ‘ग्लोबल कूलिंग इनोवेशन’ शिखर सम्मेलन के उद्घाटन के मौके पर इसकी घोषणा की. उन्होंने कहा कि बढ़ते तापमान से उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय जलवायु में रह रहे अरबों लोगों का स्वास्थ्य और उत्पादकता प्रभावित होगी.
नवाचार चुनौती का मकसद टिकाऊ और दक्ष प्रौद्योगिकी विकसित करना है ताकि सभी को लाभ हो सके. उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि अन्वेषक इस वैश्विक चुनौती के मद्देनजर एक कुशल तकनीक विकसित करें जिसमें दुनिया भर के लोगों की पहुंच किफायती शीतलन तक हो सके.
बड़े पैमाने पर एसी के उपयोग के कारण निकट भविष्य में वैश्विक तापमान में वृद्धि के खतरों को कम करने के लिए हमें काम करना चाहिए. आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक दुनिया भर में 1.2 अरब रूम एयर कंडीशनिंग इकाइयां काम कर रही हैं और अनुमान है कि 2050 तक ऐसी इकाइयों की संख्या कम से कम 4.5 अरब हो जाएगी जिनमें भारत की एक अरब इकाइयां शामिल हैं.