नयी दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने सबरीमला मंदिर में सभी आयु वर्ग की महिलाओं को प्रवेश की अनुमति देने वाले अपने 28 सितंबर के फैसले पर रोक लगाने से बुधवार को इंकार कर दिया.
प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने सबरीमला मामले में न्यायालय के फैसले पर रोक लगाने की मांग करने वाले वकील से 22 जनवरी तक इंतजार करने को कहा, जब संविधान पीठ पुनर्विचार याचिकाओं पर सुनवाई करेगी. मामले का उल्लेख अधिवक्ता मैथ्यूज जे नेदुमपारा ने किया। उन्होंने नेशनल अयप्पा डिवोटीज (वीमन्स) एसोसिएशन की तरफ से पुनर्विचार याचिका दायर की है.
हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया है कि 28 सितंबर के आदेश पर कोई रोक नहीं होगी. 28 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए केरल के सबरीमाला मंदिर में महिलाओं को प्रवेश की अनुमति दे दी थी. 4-1 के बहुमत से हुए फैसले में पांच जजों की संविधान पीठ ने साफ कहा कि हर उम्र वर्ग की महिलाएं अब मंदिर में प्रवेश कर सकेंगी.