पीएम के रुप में पहली विदेश यात्रा पर मोदी पहुंचे भूटान,जोरदार स्वागत

थिंपू : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज भूटान नरेश जिग्मे खेसर नामग्येल वांगचुक से भेंट की तथा दोनों देशों के बीच ‘‘अनोखे एवं विशेष’’ द्विपक्षीय संबंध को और गहरा करने के लिए संबंधों के पूरे दायरे पर चर्चा हुयी. इस भेंट के दौरान मोदी ने भूटान नरेश और उनकी पत्नी जेत्सुन पेमा को भारत आने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 15, 2014 11:17 AM

थिंपू : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज भूटान नरेश जिग्मे खेसर नामग्येल वांगचुक से भेंट की तथा दोनों देशों के बीच ‘‘अनोखे एवं विशेष’’ द्विपक्षीय संबंध को और गहरा करने के लिए संबंधों के पूरे दायरे पर चर्चा हुयी. इस भेंट के दौरान मोदी ने भूटान नरेश और उनकी पत्नी जेत्सुन पेमा को भारत आने का न्यौता दिया. यह भेंट करीब एक घंटे तक चली.

सूत्रों ने दोनों के बीच इस भेंट को ‘बहुत ही अच्छा’ बताया. भेंट के बाद भूटान नरेश और प्रधानमंत्री मोदी ने एक दूसरे से हाथ मिलाते हुए फोटो खिंचवाए. इस दौरान उनके साथ भूटान नरेश की पत्नी पेमा और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज भी थीं.

भेंट से पूर्व मोदी राजमहल पहुंचे जहां उनका बहुत गर्मजोशी और पारंपरिक तरीके से स्वागत किया गया. उन्हें राजमहल में गार्ड ऑफ आर्नर प्रदान किया गया है और दोनों देशों के राष्ट्रगान बजाए गए. मोदी के राजमहज पहुंचने से बस थोडी देर पहले भारी बारिश हुई जिससे यह अटकले लगने लगी कि खुले में किए जाने वाले वाला गार्ड ऑफ आर्नर हो भी पाएगा या नहीं.लेकिन बिल्कुल समय से बारिश रुक गई और गार्ड ऑफ आर्नर हुआ.

मोदी प्रधानमंत्री के रुप में पहली विदेश यात्रा पर आए हैं. उनके साथ सुषमा स्वराज, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत दोभाल, विदेश सचिव सुजाता सिंह हैं. इस दो दिवसीय यात्रा पर विदा होने से पहले मोदी ने कहा कि ‘अनोखे और विशिष्ट संबंध के चलते’ भूटान उनकी पहली विदेश यात्रा के लिए स्वभाविक पसंद है. प्रधानमंत्री द्वारा अपनी पहली विदेश यात्रा के लिए भूटान का चुनाव इस मायने से काफी अहम है कि चीन ने हाल ही में उसे अपने साथ लाने और थिंपू के साथ पूर्ण राजनयिक संबंध भी स्थापित करने का प्रयास तेज कर दिया है.यात्रा से पूर्व अपने एक बयान में मोदी ने कहा कि भूटान के साथ संबंध उनकी सरकार की अहम विदेश नीति प्राथमिकता होगी.

मोदी ने कहा, ‘‘मैं भूटान के साथ भारत के विशेष संबंध को तराशने तथा उसे और मजबूत करने के लिए भूटान की अपनी पहली यात्रा से काफी आशान्वित हूं. ’’ 2013-18 के लिए 11 वीं पंचवर्षीय योजना में भूटान के लिए सहायता पैकेज में 4500 करोड रुपए शामिल हैं और उसमें बुनियादी ढांचे और सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी से लेकर स्वास्थ्य, कृषि, मानव संसाधन विकास और पर्यटन आते हैं. दोनों देशों के बीच 2012 में 6830 करोड रुपए का व्यापार था.

पारो हवाईअड्डे पर प्रधानमंत्री शेरिंग तोबगे ने उनकी अगवानी की और उन्हें औपचारिक गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया. उनके साथ विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल और विदेश सचिव सुजाता सिंह भी भूटान गए हैं. मोदी अपनी दो दिनों की यात्र के दौरान भूटान नरेश जिग्मे खेसर नामग्येल वांगचुक और प्रधानमंत्री शेरिंग तोबगे से मिलेंगे. इस दौरान दोनों पक्ष संबंधों को बढावा देने की संभावना तलाशेंगे ,विशेष तौर पर व्यापार और पनबिजली क्षेत्र में.

मोदी भूटान की संसद के संयुक्त सत्र को भी संबोधित करेंगे. वह भारत की मदद से चलाई गई परियोजना के तौर पर भूटान के सुप्रीम कोर्ट की इमारत का भी उद्घाटन करेंगे. अपनी पहली विदेश यात्र के लिए भूटान को चुनने का महत्व इसलिए बढ जाता है क्योंकि चीन ने हाल के दिनों में इस देश को अपने साथ लाने के प्रयास तेज कर दिये हैं और थिंपू के साथ पूर्ण राजनयिक संबंध स्थापित किये हैं.

भूटान जाने से पहले मोदी ने कहा कि ‘अनूठे और खास संबंध’ की वजह से पहले विदेशी गंतव्य के तौर पर भूटान उनकी ‘स्वभाविक पसंद’ थी. रवाना होने से पहले मोदी ने कहा कि भूटान के साथ संबंध उनकी सरकार की विदेश नीति की अहम प्राथमिकता होगा. उन्होंने कहा, ‘‘मैं भूटान की अपनी पहली यात्रा को उम्मीद के साथ देख रहा हूं और भारत के साथ भूटान के विशेष संबंधों को मजबूत बनाना चाहता हूं.’’

विदेश सचिव सिंह ने दिल्ली में संवाददाताओं से कहा, ‘‘भूटान के साथ हमारे संबंध अनोखे और विशेष हैं. हमारे ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंध हमें स्वाभाविक मित्र और सहयोगी बनाते हैं.’’मोदी की पहली विदेश यात्रा के लिए भूटान को चुने जाने के बारे में उन्होंने कहा, ‘‘भूटान हमारा एक महत्वपूर्ण सामरिक सहयोगी है. यह दक्षिण एशिया में अच्छे पडोसी से संबंधित हमारी नीति और मित्रता के तहत सबसे अच्छा देश है.’’

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