नयी दिल्ली: माकपा ने शनिवार को त्रिपुरा में पार्टी के निर्वाचित प्रतिनिधियों के खिलाफ जारी हिंसक गतिविधियों की निंदा करते हुए राज्य सरकार से इस राजनीतिक हिंसा को तत्काल प्रभाव से रोकने की मांग की है.
माकपा पोलित ब्यूरो द्वारा जारी बयान में त्रिपुरा के पूर्व मुख्यमंत्री माणिक सरकार की अगुवाई में शुक्रवार को राज्य के विशालगढ़ इलाके में चल रहे कार्यकर्ता सम्मेलन में कथित रूप से भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा व्यवधान उत्पन्न करने सहित अन्य हिंसक हमले करने का आरोप लगाया गया है.
पार्टी ने इन हमलों को रोक पाने में नाकामी के लिए राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि त्रिपुरा में विपक्षी दलों के कार्यकर्ताओं और निर्वाचित जनप्रतिनिधियों पर हमले की घटनाएं अब सामान्य बात हो गयी हैं.
माकपा ने इन्हें पूर्वनियोजित हमले बताते हुए इसके लिए त्रिपुरा में भाजपा की अगुवाई वाली सरकार को जिम्मेदार ठहराया है.
पोलित ब्यूरो ने कहा कि माणिक सरकार की अगुवाई में चल रहे कार्यकर्ता सम्मेलन के दौरान हुए हमले में पार्टी के 35 कार्यकर्ता घायलहोगये. सम्मेलन के बाद माकपा विधायक नारायण चौधरी की कार पर भी हमला किया गया.
पोलित ब्यूरो ने इससे पहले राज्य की विभिन्न जिला परिषदों में माकपा के निर्वाचित सदस्यों पर भी इस तरह के हमले किये जाने की घटनाओं का जिक्र करते हुए त्रिपुरा सरकार से इन्हें रोकने के लिए तत्काल प्रभाव से उचित कार्रवाई करने की मांग की है, जिससे राज्य में राजनीतिक एवं सामाजिक गतिविधियों का सामान्य रूप से संचालन सुनिश्चित किया जा सके.