गुजरात के कच्छ में मिला एक करोड़ दस लाख साल पुराना मानव जीवाश्म

नयी दिल्ली/गांधीनगर : वैज्ञानिकों ने गुजरात के कच्छ से एक करोड़ दस लाख साल पुराना जीवाश्म खोजा है. खुदाई में मिला ऊपरी जबड़े का यह जीवाश्म मानव प्रजाति के पूर्वजों का प्रतीत होता है. जर्नल पीएलओएस वन में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार, यह खोज भारतीय प्रायद्वीप में प्राचीन महाकपि की मौजूदगी की पुष्टि करता है. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 17, 2018 4:37 PM

नयी दिल्ली/गांधीनगर : वैज्ञानिकों ने गुजरात के कच्छ से एक करोड़ दस लाख साल पुराना जीवाश्म खोजा है. खुदाई में मिला ऊपरी जबड़े का यह जीवाश्म मानव प्रजाति के पूर्वजों का प्रतीत होता है.

जर्नल पीएलओएस वन में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार, यह खोज भारतीय प्रायद्वीप में प्राचीन महाकपि की मौजूदगी की पुष्टि करता है. कपि या होमोनोइड्स, दक्षिणपूर्व एशिया और अफ्रीका से आयी नरवानर की प्रजाति है जिससे बाद में गिब्बन्स और महाकपि वर्ग के चिंपांजी, गोरिल्ला, ओरंगुटन और मनुष्य की उत्पत्ति हुई. प्राचीन नरवानर को भारत और पाकिस्तान के शिवालिक में मिओसेन की तलछटी में पाया गया जिसे मानव और महाकपि के बीच की कड़ी के रूप में देखा जा रहा है. देश में मनुष्य की उत्पत्ति और विकास के क्रम में समझने में शिवालिक रेंज से मिले जीवाश्म बहुत महत्वपूर्ण साबित हुए हैं. बीरबल साहनी पुराविज्ञान संस्थान लखनऊ के शोधकर्ताओं ने पश्चिमी भारत के गुजरात में शिवालिक की तलछटी में कच्छ से पाये गये कपि के जबड़े का अध्ययन किया है.

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