मध्य प्रदेश चुनाव : भाजपा चौका लगाने को बेताब, कांग्रेस को एंटी इनकंबेंसी से उम्मीद
भोपाल से मिथिलेश ठीक चार दिन बाद मध्य प्रदेश की जनता सत्ता पर अपना फैसला सुना देगी. भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है. सरकार बनाने के लिए 116 के जादुई आंकड़े तक पहुंचने की जद्दोजहद दोनों पार्टियां कर रही हैं. हालांकि, जनता का रुझान देख कर यह नहीं […]
भोपाल से मिथिलेश
ठीक चार दिन बाद मध्य प्रदेश की जनता सत्ता पर अपना फैसला सुना देगी. भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है. सरकार बनाने के लिए 116 के जादुई आंकड़े तक पहुंचने की जद्दोजहद दोनों पार्टियां कर रही हैं. हालांकि, जनता का रुझान देख कर यह नहीं लग रहा है कि दोनों में से कोई भी पार्टी 100 का आंकड़ा पार कर पायेगी. भाजपा की कमान खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने संभाल रखी है. कांग्रेस की ओर से ज्योतिरादित्य सिंधिया और कमलनाथ के कंधों पर दारोमदार है. यहां 230 सदस्यों वाली विधानसभा के लिए 28 नवंबर को वोट डाले जायेंगे. फिलहाल, चुनावी गहमागहमी चरम पर है.
चौक-चौराहों पर चुनावी चर्चा आम है. हमने जनता से उनका मूड जानने की कोशिश की, तो सबने घुमा फिरा कर ही जवाब दिया. हां, इस बार के चुनावी मुद्दों पर लोग खुलकर बोले. भोपाल के करीम और वीरानी भाई ने जो सवाल गिनाये, उन्हीं सवालों के आसपास चुनाव के मुद्दे घूम रहे हैं.
भोपाल स्टेशन के बाहर शोरगुल है़ यात्रियों की चहल-पहल आम दिनों की तरह है. स्टेशन के बाहर कहीं किसी पार्टी का झंडा नहीं दिखता़ दिखते हैं, तो चुनाव कराने मध्य प्रदेश पहुंचे अर्द्धसैनिक बलों के जवान. भोपाल और इससे सटे हबीबगंज स्टेशन परिसर पर जवान डेरा डाले हुए हैं.
भोपाल स्टेशन के बाहर करीब 24-25 साल का युवक करीम मिलता है़ आॅटो चला कर अपने परिवार का पेट पालने वाला करीम चुनावी शोर से दूर अपनी रोजी कमाने में व्यस्त है़ करीम की नजर में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विकास के बड़े काम किये हैं. सरकार किसकी बनेगी, इस सवाल पर करीम बेबाकी से कहता है- साहेब, अब जनता बेवकूफ नहीं है. जो काम करेगा, जीत उसी की होगी़
शहर के भीतर भाजपा के पोस्टर टंगे हैं. इनमें शिवराज सिंह चौहान और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चेहरे दिख रहे हैं. छोटी झील की ओर मुड़ने के पहले कांग्रेसी उम्मीदवार रशीद की प्रचार गाड़ी नजर आती है़ सामने के अल्पसंख्यक मुहल्ले से एक छोटा बच्चा अपने हाथ में कांग्रेस का झंडा लिये घूम रहा है़ सलीम नाम के इस बच्चे ने बताया कि यह हमारा झंडा है़
शहर के व्यस्ततम टीटी नगर इलाके में रहने वाले इमरान कुरैशी कहते हैं- समय बदल गया है़ अब जनता जागरूक है़ सरकार बनने के बारे में पूछे जाने पर वह कहते हैं कि इस बार पार्टी नहीं, उम्मीदवार को देखकर ही वोट पड़ेंगे़ वे बताते हैं- करीब 50 विधायक व नेताओं ने आखिरी घड़ी में अपने दल को छोड़ कर दूसरे दल का दामन थाम लिया है़ ऐसे में जो उम्मीदवार ज्यादा पकड़ वाला होगा, वोट उसके पक्ष में अधिक होगा़ इमरान बताते हैं, स्थिति ऐसी बन गयी है कि भाजपा को कांग्रेस नहीं हरा सकती और कांग्रेस को भाजपा. भाजपा पराजित होगी, तो अपने ही कारणों से और कांग्रेस परास्त होगी, तो अपनी वजहों से. इमरान की नजर में मध्य प्रदेश में अब भी बहुत काम बाकी है़ किसान अपनी समस्या से जूझ रहे हैं. शिक्षा के क्षेत्र में हुए सुधार के काम दिखते हैं.
प्लेटिनम बाजार इलाके में हमें 50वर्षीय गणेश वरानी मिलते हैं. सुपारी के थोक व्यापारी गणेश वरानी भाजपा सरकार से नाराज हैं. वे कहते हैं- शिवराज सरकार ने अच्छा काम किया है, पर जीएसटी और नोटबंदी ने व्यापारियों की कमर तोड़ दी है.
ग्राहकों की संख्या कम हो गयी है़ मजबूरन कई युवकों को काम से हमें हटाना पड़ा. जब धंधा ही मंदा हो गया, तो तनख्वाह कहां से देंगे, भई?
भोपाल शहर में शिवराज सिंह चौहान का रोड शो होने वाला है़ पुराने विधानसभा भवन के सामने पार्टी का प्रचार कर रहे कांग्रेसी कार्यकर्ता सुमन शुक्ल कहते हैं- भाजपा चौका नहीं लगा पायेगी. गुजरात में भाजपा ने धोखे से सरकार बना ली, मगर यहां मुश्किल है.
शहर में भाजपा के सांसद अनुराग ठाकुर घूम रहे हैं. वे कहते हैं- कहीं कोई एंटी इन्कम्बेंसी फैक्टर नहीं है. हमने काम किया है और जनता सब देख रही है. यह तब होता है, जब हमारी सरकार ने काम नहीं किया होता.