भूख से मौत के मुद्दे पर हाईकोर्ट ने केंद्र और दिल्ली सरकार को किया नोटिस

नयी दिल्ली : दिल्ली उच्च न्यायालय ने एक याचिका पर केंद्र और आप सरकार से जवाब मांगा है जिसमें राष्ट्रीय राजधानी तथा देश के अन्य हिस्सों में भूख से लोगों विशेषकर बच्चों की मौतों से संबंधित मुद्दों पर गौर करने के लिए उन्हें निर्देश देने का अनुरोध किया गया है. मुख्य न्यायाधीश राजेंद्र मेनन और […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 23, 2018 4:31 PM


नयी दिल्ली :
दिल्ली उच्च न्यायालय ने एक याचिका पर केंद्र और आप सरकार से जवाब मांगा है जिसमें राष्ट्रीय राजधानी तथा देश के अन्य हिस्सों में भूख से लोगों विशेषकर बच्चों की मौतों से संबंधित मुद्दों पर गौर करने के लिए उन्हें निर्देश देने का अनुरोध किया गया है. मुख्य न्यायाधीश राजेंद्र मेनन और न्यायमूर्ति वी के राव की पीठ ने गृह मंत्रालय और दिल्ली सरकार को नोटिस जारी करके याचिका में उठाए गए मुद्दे पर उनकी राय पूछी.

इस जनहित याचिका में दावा किया गया है कि कुपोषण और भूख से मौत की घटनाएं झुग्गियों में रहने वालों में ज्यादा होती हैं क्योंकि इनमें से कई के पास सस्ती दर वाला खाद्यान्न प्राप्त करने के लिए राशन कार्ड नहीं हैं. अदालत ने यह भी निर्देश दिया कि दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, सामाजिक कल्याण तथा महिला एवं बाल विकास विभागों को भी इस मामले में पक्षकार बनाया जाए. अदालत ने इस मामले में आगे की सुनवाई के लिए 15 फरवरी 2019 की तारीख तय की है.

अदालत ने यह आदेश वकील मनीष पाठक द्वारा दायर जनहित याचिका पर दिया जिन्होंने दावा किया कि झुग्गियों में रहने वाले गरीब परिवारों के पास पते के सबूत की कमी के कारण अक्सर राशन कार्ड नहीं होते. याचिका में कहा गया कि यह उन्हें सस्ती दर वाला खाद्यान्न देने से इनकार करने का आधार नहीं होना चाहिए.

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