कांग्रेस वंशवादी पार्टी, बड़े उपनाम को राजनीतिक ब्रांड मानती है : जेटली
नयी दिल्ली : ‘उपनाम’ को राजनीतिक ब्रांड के रूप में पेश करने को लेकर कांग्रेस पर बरसते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मंगलवार को उसे वंशवादी पार्टी करार दिया. उन्होंने कहा कि 2019 के लोकसभा चुनाव में अगर मुकाबला अल्प ज्ञात परिवार के पुत्र प्रधानमंत्री नरेँद्र मोदी और अपने माता-पिता के कारण पहचान बनानेवाले […]
नयी दिल्ली : ‘उपनाम’ को राजनीतिक ब्रांड के रूप में पेश करने को लेकर कांग्रेस पर बरसते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मंगलवार को उसे वंशवादी पार्टी करार दिया. उन्होंने कहा कि 2019 के लोकसभा चुनाव में अगर मुकाबला अल्प ज्ञात परिवार के पुत्र प्रधानमंत्री नरेँद्र मोदी और अपने माता-पिता के कारण पहचान बनानेवाले किसी व्यक्ति के बीच होता है तो भाजपा उस चुनौती को ‘सहर्ष स्वीकार’ करेगी.
‘सरदार पटेल के पिता का नाम क्या था’ शीर्षक से फेसबुक पोस्ट में जेटली ने कहा कि कांग्रेस जैसी वंशवादी पार्टी में प्रतिभा और मेधा का कोई स्थान नहीं होता है. परिवार के इर्द-गिर्द की भीड़ कैडर होती है. जेटली की यह पोस्ट ऐसे समय में आयी है जब प्रधानमंत्री नरेँद्र मोदी के परिवार के बारे में कांग्रेस नेताओं के बयान को लेकर विवाद उत्पन्न हो गया है. वित्त मंत्री ने कहा कि अगर कांग्रेस चाहती है कि 2019 का लोकसभा चुनाव प्रधानमंत्री मोदी, जो ऐसे माता-पिता के पुत्र हैं जिनका नाम कम लोग जानते हैं तथा मेधा एवं क्षमता की बजाय अपने माता-पिता के कारण जाने जानेवाले व्यक्ति के बीच हो, तब भाजपा इस चुनौती का सहर्ष स्वीकार करेगी.
जेटली ने कहा कि चुनावी परिचर्चा में प्रधानमंत्री की मां की आयु को एक विषय बनाया गया. उनके पिता का नाम अल्प ज्ञात होने पर भी टिप्पणी की गयी और इसे प्रधानमंत्री के कमी के रूप में पेश किया गया. उन्होंने कहा, क्या भारत को वंशावादी लोकतंत्र रहना चाहिए? इस चर्चा को हवा देकर कांग्रेस पार्टी ने अपना ही नुकसान किया है. इसमें उन्होंने दलील यह दी कि अगर आप जाने माने परिवार की विरासत का प्रतिनिधित्व करते हैं तब यह आपे राजनीतिक फायदे में होता है. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सामान्य परिवार से आनेवाले लाखों प्रतिभावान कार्यकर्ता नेतृत्व के संबंध में कांग्रेस की परीक्षा में फेल हो जायेंगे. मेधा, प्रतिभा, लोगों को प्रेरित करने की क्षमता का महत्व नहीं है. कांग्रेस केवल बड़े उपनाम को राजनीतिक ब्रांड मानती है.
उन्होंने कहा कि काफी जानकार मित्रों से भी जब महात्मा गांधी के पिता या सरदार पटेल के पिता या पत्नी का नाम पूछा जायेगा, तब वे सटीक उत्तर नहीं दे सके. जेटली ने कहा कि कारण स्पष्ट है. दशकों तक अपने शासन के दौरान कांग्रेस ने कालोनियों, शहरों, पुलों, हवाई अड्डों, रेलवे स्टेशनों, स्कूलों, कालेजों, विश्वविद्यालयों, स्टेडियमों का नाम केवल एक परिवार पर रखा.