भोपाल/आइजोल : मध्यप्रदेश आैर मिजोरम विधानसभा की सभी 230 और 40 सीटों के लिए बुधवार को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच मतदान होगा. मध्यप्रदेश के कुल 5,04,95,251 मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर सकेंगे जिनमें 2,63,01,300 पुरुष, 2,41,30,390 महिलाएं एवं 1,389 थर्ड जेंडर मतदाता शामिल हैं. वहीं, मिजोरम में 7.70 लाख से अधिक मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे.
मध्यप्रदेश के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी वीएल कांता राव ने संवाददाताओं को बताया, 28 नवंबर को मध्य प्रदेश विधानसभा की सभी 230 सीटों के लिए मतदान होगा. 227 विधानसभा क्षेत्रों में सुबह 8 बजे से शाम 5 बजे तक तथा बालाघाट जिले के तीन नक्सल प्रभावित विधानसभा क्षेत्रों परसवाड़ा, बैहर एवं लांजी में सुबह 7 बजे से अपराह्न 3 बजे तक मतदान होगा. राव ने कहा कि इस चुनाव के लिए 1,094 निर्दलीय उम्मीदवारों सहित कुल 2,899 उम्मीदवार मैदान में हैं, जिनमें से 2,644 पुरुष, 250 महिलाएं एवं पांच ट्रांसजेंडर शामिल हैं. उन्होंने बताया कि समूचे राज्य में 65,367 मतदान केंद्र बनाये गये हैं. इनमें से 17,000 मतदान केंद्र संवेदनशील घोषित किये गये हैं, जहां केंद्रीय पुलिस बल और वेवकास्टिंग के साथ माइक्रो पर्यवेक्षक भी तैनात किये गये हैं. सभी मतदान केंद्रों पर मतदान के लिए ईवीएम के साथ वीवीपैट का उपयोग होगा.
राव ने बताया कि राज्य में शांतिपूर्ण, स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव संपन्न कराने के लिए 1.80 लाख सुरक्षाकर्मी तैनात किये गये हैं, जिनमें केंद्रीय और राज्य के सुरक्षाकर्मी शामिल हैं. उन्होंने कहा कि चुनावी तंत्र निष्पक्ष और शांतिपूर्ण मतदान सुनिश्चित कराने के लिए पूरी तरह से तैयार है. मध्यप्रदेश में इस बार भी मुख्य रूप से भाजपा एवं कांग्रेस के बीच मुकाबला होने की उम्मीद है. हालांकि, प्रदेश में पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ रही आम आदमी पार्टी (आप) का दावा है कि वह दिल्लीवाली अपनी सफलता को राज्य में दोहरायेगी, जहां 2015 के विधानसभा चुनाव में उसने कांग्रेस और भाजपा का सूपड़ा साफ कर दिया था.
भाजपा ने सभी 230 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं, जबकि कांग्रेस ने 229 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे हैं और एक सीट अपने सहयोगी शरद यादव के लोकतांत्रिक जनता दल के लिए छोड़ी है. आप 208 सीटों पर चुनाव लड़ रही है, बसपा 227, शिवसेना 81 और सपा 52 सीटों पर चुनावी मैदान में है. चुनाव मैदान में खड़ी कई चिल्लर पार्टियां प्रदेश के मुख्य दलों भाजपा एवं कांग्रेस के लिए सिर दर्द बन गयी हैं, क्योंकि ये इनकी जीत को हार में बदलने में अहम भूमिका अदा कर सकती हैं.
इस अहम चुनाव में विपक्षी दल कांग्रेस पिछले 15 साल से सत्तारुढ़ भाजपा को उखाड़ने के लिए प्रयास कर रही है, जबकि भाजपा ने लगातार चौथी दफा प्रदेश की सत्ता में आने के लिए अबकी बार 200 पार का लक्ष्य तय किया है. राव ने बताया कि प्रदेश में कुल 3,00,782 कर्मचारी चुनाव कार्य में लगाये गये हैं, जिनमें 45,904 महिला कर्मचारी शामिल हैं. उन्होंने कहा कि प्रदेश में 160 मतदान केंद्र केवल दिव्यांग कर्मचारियों के जिम्मे रहेगें. ये बूथ पूरी तरह दिव्यांग कर्मचारी ही संचालित करेंगे. इसके अलावा 3,046 मतदान केंद्र केवल महिला कर्मचारियों द्वारा संचालित किये जायेंगे. राव ने बताया कि अटेर एवं मेहगांव दो विधानसभा सीटों में 32 से ज्यादा उम्मीदवार हैं. वहां पर तीन-तीन बैलट यूनिट लगाये जा रही हैं. वहीं, 45 सीटें ऐसे हैं, जहां पर 16 से 32 उम्मीदवार मैदान में हैं. वहां पर दो-दो बैलट यूनिट लगेंगी. उन्होंने कहा कि छतरपुर विधानसभा सीट पर सबसे ज्यादा सात महिला प्रत्याशी मैदान में हैं. वहां पर कुल 16 उम्मीदवार मैदान में हैं. वहीं, मेहगांव में सबसे ज्यादा 33 पुरुष प्रत्याशी है. वहां पर कुल 34 प्रत्याशी मैदान में हैं.
दूसरी मिजोरम में भी बुधवार को मतदान होगा जिसमें 7.70 लाख से अधिक मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे. राज्य में मुख्यमंत्री लल थनहवला तीसरी बार मुख्यमंत्री बनने के लिए, जबकि भाजपा पूर्वोत्तर के आखिरी गढ़ में कांग्रेस को शिकस्त देने के लिए जोर आजमाइश में लगी है. 1987 में एक पूर्ण राज्य का दर्जा मिलने के बाद से मिजोरम में कांग्रेस और मिजोरम नेशनल पार्टी (एमएनएफ) सत्ता में है. दिलचस्प यह है कि तब से लेकर आज तक कोई भी पार्टी राज्य में दो बार से अधिक सरकार नहीं बना सकी है. मिजोरम में 40 सदस्यीय विधानसभा का चुनाव भाजपा के लिए महत्वपूर्ण है. पूर्वोत्तर का यह एकमात्र राज्य है जहां भाजपा की सरकार नहीं है.
राज्य की आबादी करीब 10 लाख है. वर्ष 2013 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 34 सीटों पर जीत दर्ज की थी, जबकि मुख्य विपक्षी मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) के खाते में पांच और मिजोरम पीपुल्स कांफ्रेंस की झोली में एक सीट आयी थी. कांग्रेस और मुख्य विपक्षी एमएनएफ ने 40-40 सीटों पर अपने प्रत्याशी खड़े किये हैं, जबकि भाजपा 39 सीटों पर मैदान में है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी भी चुनाव प्रचार के लिए राज्य पहुंचे.