भोपाल : विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने पाकिस्तान के दक्षेस सम्मेल में भारत को न्योता देने वाली खबरों पर करारा जवाब देते हुए कहा कि पड़ोसी देश की ओर से जब तक आतंकवाद को रोका नहीं जाता, तब तक उसके साथ बातचीत नहीं हो सकती. विदेश मंत्री ने पड़ोसी देश को खरी-खरी सुनाते हुए यह साफ कर दिया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दक्षेस सम्मेलन में भाग लेने की खातिर पाकिस्तान नहीं जायेंगे.
For many years the Indian Government has been asking for this (#Kartarpur) corridor, only now Pakistan responded positively. It doesn’t mean the bilateral dialogue will start because of this, terror & talks can’t go together. : EAM Sushma Swaraj pic.twitter.com/ixAUOYs2mf
— ANI (@ANI) November 28, 2018
मंगलवार को पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय की ओर से दक्षेस सम्मेलन में भारत को न्योता देने की बात कही गयी थीं, जिसके प्रत्युत्तर में सुषमा स्वराज ने यह जवाब दिया है. पाकिस्तान के हाथ से दक्षेस के अध्यक्ष पद जाने के बाद से लेकर अब तक इस संगठन की कोई बैठक नहीं की गयी है.
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सुषमा ने बुधवार को भोपाल में आयोजित एक प्रेसवार्ता के दौरान कहा कि पड़ोसी से बातचीत कैसे हो सकती है. उन्होंने कहा कि हमें पठानकोट और उड़ी हमले को भी देखना होगा. वार्ता और आतंकवाद साथ-साथ नहीं चल सकते हैं. दक्षेस सम्मेलन को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को न्योता दिये जाने को लेकर सुषमा स्वराज ने कहा कि दक्षेस सम्मेलन के लिए तिथि सभी सदस्यों की सहमति के आधार पर तय की जाती है. यह एक सामान्य परंपरा है. तारीख तय होने के बाद ही सदस्य राष्ट्रों को औपचारिक निमंत्रण भेजा जाता है.
करतारपुर कॉरिडोर के सवाल पर सुषमा ने कहा कि सरकारें कोई भी रही हों, सबने करतारपुर कॉरिडोर की मांग की थी. हम सब ऐसा चाहते थे. उन्होंने कहा कि पिछले कई सालों से भारत सरकार करतारपुर कॉरिडोर खोलने के लिए पाकिस्तान से आग्रह कर रही थी. अब जाकर पाकिस्तान ने सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है. इसका मतलब यह नहीं हुआ कि इसके कारण द्विपक्षीय बातचीत शुरू हो जायेगी. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान बुधवार ननकाना साहिब में कॉरिडोर का शिलान्यास करने वाले हैं.
नवजोत सिंह सिद्धू के करतारपुर साहिब पर दिये गये बयानों पर सुषमा ने कहा कि यह किसी एक व्यक्ति की कोशिश नहीं थी. यह सरकार से सरकार स्तर पर की गयी पहल है. फैसले सरकार के स्तर पर होते हैं, किसी निजी व्यक्ति के स्तर पर नहीं. पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह का पाकिस्तान में करतारपुर कॉरिडोर के होने वाले शिलान्यास नहीं जाने के फैसले और उनके मंत्री सिद्धू के पाकिस्तान जाने के फैसले पर सुषमा ने कहा कि इस पर कांग्रेस को प्रतिक्रिया देनी चाहिए. आखिर क्यों उनके मंत्री पाकिस्तान गये.