राजस्‍थान विधानसभा चुनाव : वसुंधरा से नाराज हैं लोग पर मोदी के साथ सहानुभूति, जानें जयपुर का सियासी गणित

जयपुर से अंजनी कुमार सिंह जयपुर में वोट बैंक को जातीय समीकरण ने उलझाया किलों, मंदिरों और सजी हुई हवेलियों के लिए मशहूर राजस्थान की गुलाबी नगरी जयपुर में सर्दी की गुलाबी दस्तक के बीच चुनावी गर्मी तेज है. कांग्रेस जहां पुराने ट्रेंड (हर पांच साल में सरकार का बदल जाना) को लेकर आशान्वित है. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 29, 2018 6:16 AM
जयपुर से अंजनी कुमार सिंह
जयपुर में वोट बैंक को जातीय समीकरण ने उलझाया
किलों, मंदिरों और सजी हुई हवेलियों के लिए मशहूर राजस्थान की गुलाबी नगरी जयपुर में सर्दी की गुलाबी दस्तक के बीच चुनावी गर्मी तेज है. कांग्रेस जहां पुराने ट्रेंड (हर पांच साल में सरकार का बदल जाना) को लेकर आशान्वित है. वहीं, भाजपा पुराने ट्रेंड को तोड़ने की जुगत में है.
लेकिन, आम मतदाता इस पर अभी सस्पेंस बनाये हुए है कि पुराने ट्रेंड में बदलाव किया जाये या उसे बरकरार रखा जाये. जयपुर में सीएम वसुंधरा राजे को लेकर नाराजगी, लेकिन पीएम मोदी को लेकर सहानुभूति दिख रही है. वसुंधरा से नाराज मतदाता मोदी के नाम पर एक बार और मौका देने की बात सोच रहे हैं.
वसुंधरा से नाराज दिखने वाले जहां उन्हें महारानी कहना नहीं भूलते, वहीं कुछ लोग उन्हें सेवादारनी बताते हैं. जीपीओ के पास भीड़ में बस का इंतजार कर रहे मोहन अग्रवाल कहते हैं कि चुनाव आते ही हर पार्टी एक दूसरे पर दोषारोपण करने लगती है, लेकिन जब विकास की बात आती है, तो सभी एक जैसे ही हो जाते हैं. वहीं, पास खड़ी वीणा देवी कहती हैं कि वोट के समय सभी दल के नेता दीदी कहकर, हाथ जोड़कर अपने सगा भाई से भी ज्यादा प्यांर दिखाते हैं. दलों को सिर्फ चुनाव के समय मतदाता याद आते हैं.
मोदी को मजबूत करने के लिए वोट देने की बात
राठौड़ की प्रतिष्ठा दांव पर
जयपुर जिले की सीटें केंद्रीय सूचना प्रसारण व खेल मंत्री कैप्टन राज्यवर्धन सिंह राठौड़ के लिए भी प्रतिष्ठा का प्रश्न बना हुआ है. वे जयपुर ग्रामीण से सांसद है, सात विस सीटें इनके संसदीय क्षेत्र के हैं.
ब्राह्मणों को मनाने का प्रयास : अजमेरी गेट, ट्रांसपोर्ट नगर, आदर्श नगर, सिविल लाइंस जैसे इलाकों में चुनाव को लेकर मतदाता बंटे हुए हैं. सरकार से ब्राह्मणों की नाराजगी को देखते हुए ब्राह्मणों को मनाने के प्रयास किये जा रहे हैं. जयपुर के आठ सीटों पर भाजपा और कांग्रेस के परंपरागत वोट बैंक को जातीय समीकरण ने उलझा रखा है.
जयपुर का सियासी गणित
कुल विधानसभा सीटें 19
सामान्य सीटें14
आरक्षित सीटें05
हिंदू आबादी87 %
मुस्लिम आबादी10 %
अनुसूचित जाति15.1 %
अनुसूचित जनजाति08 %

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