संवाददाता सम्मेलन विवादों में घिरे न्यायमूर्ति कूरियन जोसफ सेवानिवृत्त
नयी दिल्ली : उच्चतम न्यायालय के तीसरे वरिष्ठ न्यायाधीश कूरियन जोसफ साढ़े पांच वर्षों के कार्यकाल के बाद बृहस्पतिवार को सेवानिवृत्त हो गये. वह उन चार वरिष्ठ न्यायाधीशों में शामिल हैं जिन्होंने 12 जनवरी को ऐतिहासिक संवाददाता सम्मेलन कर तत्कालीन प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा के खिलाफ गंभीर आरोप लगाये थे. न्यायमूर्ति रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति जे […]
नयी दिल्ली : उच्चतम न्यायालय के तीसरे वरिष्ठ न्यायाधीश कूरियन जोसफ साढ़े पांच वर्षों के कार्यकाल के बाद बृहस्पतिवार को सेवानिवृत्त हो गये. वह उन चार वरिष्ठ न्यायाधीशों में शामिल हैं जिन्होंने 12 जनवरी को ऐतिहासिक संवाददाता सम्मेलन कर तत्कालीन प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा के खिलाफ गंभीर आरोप लगाये थे.
न्यायमूर्ति रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति जे चेलामेश्वर और न्यायमूर्ति मदन बी लोकुर ने मामलों को चुनिंदा तरीके से आवंटित करने पर सवाल खड़े किये थे जिनमें सीबीआई के विशेष न्यायाधीश बीएच लोया जैसे संवेदनशील मामले भी शामिल हैं. लोया की एक दिसंबर 2014 को मौत हो गयी थी. न्यायमूर्ति गोगोई वर्तमान में भारत के प्रधान न्यायाधीश हैं और न्यायमूर्ति चेलामेश्वर इस वर्ष जून में सेवानिवृत्त हो गये. उच्चतम न्यायालय के इतिहास में पहली बार 12 जनवरी को हुए संवाददाता सम्मेलन से पूरा देश स्तब्ध रह गया था. बार नेताओं ने बृहस्पतिवार को न्यायमूर्ति जोसफ को विदाई दी और उन्हें हाल के वर्षों में सबसे लोकप्रिय न्यायाधीश करार दिया और कहा कि उनकी मुस्कुराहट मधुर है. नेताओं ने न्यायमूर्ति गोगोई से आग्रह किया कि उन्हीं की तरह मुस्कुरानेवाले न्यायाधीश को उनकी जगह लाया जाये.
न्यायमूर्ति जोसफ ने दो राहत अभियानों में काफी सक्रियता दिखायी. इस वर्ष अगस्त में केरल में आयी भीषण बाढ़ के बाद दिल्ली में वकीलों की तरफ से आयोजित अभियान में उन्होंने हिस्सा लिया. न्यायमूर्ति कूरियन जोसफ उस पांच सदस्यीय पीठ का भी हिस्सा थे जिसने दो के मुकाबले तीन के बहुमत से मुस्लिमों के बीच तीन तलाक को निरर्थक, अवैध और असंवैधानिक करार दिया था.