BSF ने तैयार की बुलेटप्रूफ बंकर, अब दुश्‍मनों की गोलियां नहीं भेद पायेगी जवानों का सीना

नयी दिल्ली : पाकिस्तान से लगती देश की सीमा की रक्षा करने वाले सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने शुक्रवार को कहा कि उसने अपने सैनिकों को खतरनाक स्नाइपर गोलीबारी से बचाने के लिए स्वदेशी तौर पर विकसित बुलेटप्रूफ बंकर तैयार किये हैं और हाल में सीमा की दूसरी ओर स्थित दुश्मन चौकियों को लक्षित तरीके […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 30, 2018 9:27 PM

नयी दिल्ली : पाकिस्तान से लगती देश की सीमा की रक्षा करने वाले सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने शुक्रवार को कहा कि उसने अपने सैनिकों को खतरनाक स्नाइपर गोलीबारी से बचाने के लिए स्वदेशी तौर पर विकसित बुलेटप्रूफ बंकर तैयार किये हैं और हाल में सीमा की दूसरी ओर स्थित दुश्मन चौकियों को लक्षित तरीके से निशाना बनाया है.

बीएसएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि बल पाकिस्तान से लगते अग्रिम क्षेत्रों में होने वाले बदलावों के बारे में सरकार को सूचित करने के लिए पश्चिमी मोर्चे पर गांवों की जनसांख्यिकीय और आर्थिक रूपरेखा का जमीनी सर्वेक्षण एवं विश्लेषण शुरू कर रहा है.

बीएसएफ महानिदेशक रजनीकांत मिश्रा ने यहां संवाददाताओं को बताया कि इस वर्ष जम्मू में भारत-पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सीमा से घुसपैठ के कई प्रयास, स्नाइपर गोलीबारी और सीमापार से गोलीबारी की घटनाएं ‘आये दिन’ होने के बाद बल ने दुश्मन के इस ‘दुस्साहस’ को काबू में करने के लिए एक ‘व्यापक जवाबी योजना’ बनायी.

उन्होंने बीएसएफ के 54वें स्थापना दिवस की पूर्व संध्या पर कहा, ‘बीएसएफ ने लक्षित और सोच विचारकर जवाबी कार्रवाई की जिसके परिणामस्वरूप रेंजर्स (पाकिस्तान के सीमा रक्षक) को उनकी चौकियों तक सीमित कर दिया गया.’

उन्होंने कहा, ‘बीएसएफ की कार्रवाई को काबू नहीं कर पाने पर रेंजर्स पूरे मोर्चे को खोलने को मजबूर हुए और पूरी अंतरराष्ट्रीय सीमा पर भारी गोलीबारी शुरू हो गयी. बीएसएफ ने जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तान की चौकियों को लक्षित तरीके से निशाना बनाया जिससे उसे भारी नुकसान हुआ.’

उन्होंने कहा कि हाल की उस घटना को ध्यान में रखते हुए जिसमें पाकिस्तानी बार्डर एक्शन टीम (बीएटी) ने जम्मू में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर एक जवान की हत्या कर दी थी, बल पिछले पांच वर्षों में इस सीमा पर होने वाली ऐसी सभी घटनाओं का ‘वैज्ञानिक’ विश्लेषण शुरू कर रहा है. डीजी ने कहा, ‘हम ऐसे सुझाव लेकर आयेंगे जिनसे ऐसी घटनाओं को रोका जा सकता है और यदि कोई सिविल, मैकेनिकल या परिचालन कार्य की जरूरत होगी तो वह भी करेंगे.’

उन्होंने कहा कि बीएसएफ ने अपने जवानों को दुश्मन के निशानेबाजों से बचाने के लिए बुलेटप्रूफ संतरी बंकर आंतरिक रूप से विकसित किये हैं जो सीमा चौकियों की रक्षा करने वाले जवानों की बेहतर तरीके से सुरक्षा कर पायेंगे. एक वरिष्ठ अधिकारी ने बाद में कहा कि नया बंकर बख्तरबंद है. व्यापक दृष्टि के लिए इसके ऊपर एक पेरिस्कोप लगा है और इसमें सीमा चौकी पर एक समय में चार जवान बैठ सकते हैं.

यह पूछे जाने पर कि क्या बल ने हाल में राजस्थान के सीमांत नगर जैसलमेर में कोई अध्ययन किया है और यह बताया है कि मुस्लिमों की जनसंख्या बढ़ रही है, डीजी ने कहा कि उन्हें ऐसे किसी अध्ययन या रिपोर्ट के बारे में जानकारी नहीं है. मिश्रा ने कहा कि जम्मू में स्मार्ट बाड़ लगाने की दो पायलट परियोजनाएं ‘संतोषनक रूप से’ काम कर रही हैं.

उन्होंने कहा कि इसी तरह की सेंसर आधारित स्मार्ट बाड़ अगले एक दो महीने में बांग्लादेश से लगती पूर्वी सीमा पर आने की उम्मीद है. उन्होंने कहा कि यह स्मार्ट बाड़ असम के धुबरी में 60 किलोमीटर के क्षेत्र में होगी. इससे घुसपैठ रोकने में मदद मिलेगी. बीएसएफ की स्थापना एक दिसंबर 1965 को हुई थी. बीएसएफ पाकिस्तान और बांग्लादेश से लगती देश की 6,386 किलोमीटर लंबी सीमा की रक्षा करती है.

Next Article

Exit mobile version