NSF का गुस्सा फूटा, कहा : अवैध प्रवासियों का डंपिंग ग्राउंड नहीं है पूर्वोत्तर
कोहिमा : नगालैंड में छात्रों की शीर्ष संस्था नगा स्टूडेंट्स फेडरेशन (एनएसएफ) ने विवादित नागरिकता (संशोधन) विधेयक, 2016 को वापस लेने की मांग की है. कहा है कि पूर्वोत्तर अवैध प्रवासियों का ‘डंपिंग ग्राउंड’ नहीं बन सकता. विधेयक को वापस लेने की मांग को लेकर एनएसएफ ने यहां शुक्रवार को विरोध रैली निकाली. एनएसएफ के […]
कोहिमा : नगालैंड में छात्रों की शीर्ष संस्था नगा स्टूडेंट्स फेडरेशन (एनएसएफ) ने विवादित नागरिकता (संशोधन) विधेयक, 2016 को वापस लेने की मांग की है. कहा है कि पूर्वोत्तर अवैध प्रवासियों का ‘डंपिंग ग्राउंड’ नहीं बन सकता.
विधेयक को वापस लेने की मांग को लेकर एनएसएफ ने यहां शुक्रवार को विरोध रैली निकाली. एनएसएफ के अध्यक्ष केसोसुल क्रिस्टोफर ल्तू ने रैली में कहा, ‘पूर्वोत्तर अवैध बांग्लादेशियों के लिए डंपिंग ग्राउंड नहीं है.’
एनएसएफ नॉर्थ ईस्ट स्टूडेंट्स ऑर्गेनाइजेशन (एनईएसओ) का हिस्सा है. एनईएसओ क्षेत्र में विभिन्न छात्र संगठनों का एक मंच है और यह नागरिकता विधेयक का विरोध कर रहा है. 2016 में संसद में पेश इस विधेयक में अफगानिस्तान, बांग्लादेश या पाकिस्तान से आकर देश में छह साल तक रह चुके हिंदुओं, सिखों, बौद्धों, जैनियों, पारसियों और ईसाइयों को भारतीय नागरिकता की योग्यता प्रदान करने की मांग की गयी है. प्रदर्शन रैली के दौरान छात्रों ने अवैध प्रवासियों के पुतले और विधेयक की प्रति जलायी.
ल्तू ने कहा कि पूर्वोत्तर के सभी राज्य बांग्लादेश से अवैध प्रवासियों की समस्या का सामना कर रहे हैं, जिसने क्षेत्र के सामाजिक ताने-बाने और राज्यों की जनसांख्यिकी के लिए खतरा पैदा किया है. उन्होंने कहा कि हमलोग पूर्वोत्तर में एक और त्रिपुरा नहीं बनने देंगे, हम इस कदम का कड़ा विरोध करते हैं.