पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने लगाया आरोप, मतदाताआें से किये वादों पर खरा नहीं उतर पायी मोदी आैर वसुंधरा सरकार

जयपुर : पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने शनिवार को आरोप लगाते हुए कहा कि केंद्र में मोदी सरकार आैर राजस्थान की वसुंधरा सरकार चुनाव समय किये गये अपने-अपने वादों पर खरा नहीं उतर पायी हैं. जयपुर में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में पूर्व वित्त मंत्री चिदंबरम ने कहा कि पांच साल पहले जब राजस्थान में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 1, 2018 4:41 PM

जयपुर : पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने शनिवार को आरोप लगाते हुए कहा कि केंद्र में मोदी सरकार आैर राजस्थान की वसुंधरा सरकार चुनाव समय किये गये अपने-अपने वादों पर खरा नहीं उतर पायी हैं. जयपुर में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में पूर्व वित्त मंत्री चिदंबरम ने कहा कि पांच साल पहले जब राजस्थान में जब विधानसभा चुनाव हुआ था, तो उस समय यहां के मतदाता नरेंद्र मोदी, उनके नारों आैर आकर्षक वादों के सम्मोहन में थे, लेकिन बीते पांच साल में न तो नरेंद्र मोदी और न ही वसुंधरा राजे सिंधिया जनता के सामने किये गये अपने वादों पर खरा उतरे हैं.

इसे भी पढ़ेंः चिदंबरम का आरोप : रिजर्व बैंक को अपनी मुठ्ठी में करने की कोशिश कर रही है मोदी सरकार

उन्होंने आगे कहा कि केंद्र सरकार देश को दहाई अंक की आर्थिक वृद्धि दर भी नहीं दे पायी. सात फीसदी की औसत वृद्धि दर में भी कई खामियां हैं, क्योंकि न तो अर्थव्यवस्था से रोजगार सृजित हुए और न ही बचत बढ़ी, न पूंजी निवेश और न ही निर्यात में बढोतरी देखने को मिली. कांग्रेस नेता ने कहा सात फीसदी की वृद्धि ने कृषि क्षेत्र पर बहुत ही नकारात्मक असर डाला, क्योंकि इससे कृषि आय को बल नहीं मिल सका आैर न ही कृषि उत्पादों के लिए लाभकारी कीमत मिली.

पूर्व केंद्रीय मंत्री चिंदबरम ने कहा कि बढ़ती बेरोजगारी, बैंकों के एनपीए, किसानों पर कर्ज बोझ के चलते देश में चारों तरफ संकट का आलम है. केंद्र सरकार की नोटबंदी आैर जीएसटी के फैसले पर प्रहार करते हुए उन्होंने इसे देश की अर्थव्यवस्था के लिए करारा झटका करार दिया. उन्होंने कहा कि आज एक भी अर्थशास्त्री के पास इसके बारे में कहने के लिए अच्छी बात नहीं है. उन्होंने कहा कि विकृत जीएसटी और नोटबंदी ने लाखों रोजगार खत्म किये, लघु उद्योगों आैर छोटे कारोबारियों को कर्ज में धकेल दिया. चिदंबरम ने कहा कि अपराध, शिक्षा के स्तर आैर स्वास्थ्य आदि के मामले में राजस्थान में भी हालत खराब है.

Next Article

Exit mobile version