राहुल के हिंदू वाले बयान पर मोदी का पलटवार, पूछा – कहां से लाये यह ज्ञान?
जोधपुर : विधानसभा चुनावों के प्रचार में हिंदू और हिंदुत्व को लेकर छिड़ी बहस सोमवार को चरम पर पहुंच गयी जब खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसमें शामिल हो गये और कहा कि हिंदू व हिंदुत्व का संपूर्ण ज्ञान होने का दावा तो ऋषि मुनि भी नहीं कर सकते, वह तो एक छोटे से ‘कामदार’ हैं. […]
जोधपुर : विधानसभा चुनावों के प्रचार में हिंदू और हिंदुत्व को लेकर छिड़ी बहस सोमवार को चरम पर पहुंच गयी जब खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसमें शामिल हो गये और कहा कि हिंदू व हिंदुत्व का संपूर्ण ज्ञान होने का दावा तो ऋषि मुनि भी नहीं कर सकते, वह तो एक छोटे से ‘कामदार’ हैं. इसके साथ ही मोदी ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर तंज कसा कि यह दावा तो ‘नामदार’ ही कर सकते हैं.
कुछ दिन के विराम के बाद राजस्थान के चुनावी रण में उतरे मोदी शुरू से ही अपनी चिरपरिचित शैली में दिखे और हिंदुत्व और जाति को लेकर कांग्रेस व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल को निशाने पर रखा. कांग्रेस के एक नेता द्वारा उनकी जाति पर सवाल उठाये जाने का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा, कांग्रेसवाले हिंदुत्व का यह ज्ञान कहां से लाये? उन्होंने कांग्रेस की दुर्दशा के लिए पूर्ववर्ती संप्रग सरकार को दोषी ठहराया जिसने स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू नहीं किया. इसके साथ ही उन्होंने पर्यटन व स्वच्छता के मोर्चे पर अब तक भारत के पिछड़ने के लिए भी कांग्रेस की सरकारों को जिम्मेदार बताया. मोदी अपने भाषणों में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की ओर इशारा करते ‘नामदार’ व खुद के लिए ‘कामदार’ शब्द का इस्तेमाल करते हैं.
उन्होंने अपने भाषण की शुरुआत में ही कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा, इन कांग्रेसवालों को पता नहीं है आप जितना ज्यादा कीचड़ उछालोगे उतना ही कमल ज्यादा खिलनेवाला है. उन्होंने कहा, झूठ फैलाने में तो कांग्रेस एक ऐसी यूनिवर्सिटी बन गयी है, एक ऐसा विद्यालय बन गयी है जहां प्रवेश करते ही झूठ की पीएचडी का अध्ययन शुरू हो जाता है. जो ज्यादा मार्क्स लेकर झूठ बोलने में पारंगत हो जाता है उसे नये-नये पद व पदवी दी जाती है. मोदी ने कहा, अगर कांग्रेस के नेता इस फिराक में है कि झूठ बोलकर उनकी गाड़ी चल देगी, तो मैं विश्वास से कहता हूं कि इनके सपने हिंदुस्तान के हर राज्य में चूर-चूर हो गये हैं यहां पर भी वही हाल होनेवाला है.
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने हाल ही में उदयपुर में किसी संदर्भ में सवाल किया था कि मोदी हिंदुत्व की नींव को नहीं जानते, कैसे हिंदू हैं? मोदी ने इस पर पलटवार करते हुए कहा, चुनाव में वे कह रहे हैं कि मोदी को हिंदू धर्म का कोई ज्ञान ही नहीं है. अरे भाई मोदी को ज्ञान है कि नहीं है. क्या राजस्थान में इस मुद्दे पर वोट डालना है क्या? हिंदुत्व को हजारों साल पुरानी संस्कृति व परंपरा बताते हुए मोदी ने कहा कि यह ऋषि मुनियों की तपस्या से निकला हुआ ज्ञान का भंडार हिमालय से भी ऊंचा व समुद्र से भी गहरा है. मोदी ने कहा, ऋषि मुनियों ने भी कभी दावा नहीं किया कि उनको हिंदू व हिंदुत्व का पूरा ज्ञान है. किसी ने नहीं किया. यह इतना विशाल है कि कोटि-कोटि जन्मों के बावजूद भी इस पूरे ज्ञान को समेटना इंसान के बस की बात नहीं है. मैं (कामदार) इस अगाध ज्ञान का भंडार मेरे पास हैं. ऐसा दावा कभी नहीं कर सकता हूं, हां नामदार कर सकते हैं, जो दावा ऋषि मुनि नहीं कर सकते थे, वह नामदार कर सकते हैं.’
कांग्रेस के एक नेता द्वारा मोदी की जाति पर सवाल उठाये जाने पर भी मोदी ने तंज कसा. उन्होंने कहा, हिुंदत्व के कई पहलू हैं उनमें से एक पहलू यह भी है कि ‘जाति पाति पूछे ना कोए, हरि को भजे से हरि का होए’ हिंदुत्व की यह परिभाषा कोई छोटा मोटा ग्रामीण भी बता देगा. लेकिन, हिंदुत्व के ज्ञान के ठेकेदार आप पूछ रहे हैं कि मोदी की जात कौन सी है? ये कहां से हिंदुत्व का ज्ञान लाये हो? मोदी ने कहा कि हिंदुत्व की बात करनेवालों को, एक ही परिवार की जिन चार पीढ़ियों ने देश पर शासन किया है उन चार पीढ़ियों को जवाब देना पड़ेगा. मोदी के अनुसार, ये कांग्रेस के लोग यह मानकर चलते हैं कि राजनीति में कुछ करने की जरूरत नहीं, विकास-विकास सब बेकार की बाते हैं. कांग्रेस के नेता तो कहते हैं कि विकास को छोड़ो, जातियों का समीकरण बैठा दो और वोट के ठेकेदारों को अपना कर लो और गाड़ी निकल जायेगी?
मोदी ने विश्वास जताया कि राजस्थान की जनता एक बार भाजपा एक बार कांग्रेस की परंपरा को इस बार समाप्त कर देगी और एक फिर राज्य में भाजपा को सत्तारूढ़ करेगी. मोदी ने कहा, कांग्रेस के इस झूठ व मूर्खतापूर्ण तर्क को राजस्थान स्वीकार करनेवाला नहीं है. अगर कांग्रेस यह मानकार चलती है कि लोग राजस्थान को पांच साल के लिए गिरवी रख देंगे तो वह जमाना चला गया. मोदी ने यह भी आरोप लगाया कि तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित नेहरू ने सोमनाथ मंदिर के पुनरोद्धार के फैसले का विरोध किया था. मोदी ने कहा, हिंदुत्व के ज्ञानी से मैं पूछना चाहता हूं जब सरदार पटेल ने सोमनाथ मंदिर के पुनर्निर्माण का संकल्प लिया था तब देश के पहले प्रधानमंत्री ने सोमनाथ मंदिर के संबंध में क्या रुख अपनाया? ये पूरा देश जानता है.