दूसरी पुण्यतिथि: पढ़ें, जयललिता और शशिकला के बीच दोस्ती का यह किस्सा
नयी दिल्ली : तमिल फिल्मों की सुपर स्टार और तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता की आज दूसरी पुण्यतिथि है. यदि आपको याद हो तो 5 दिसंबर 2016 को जयललिता का रात 11 बजकर 30 मिनट पर चेन्नई के अपोलो अस्पताल में निधन हो गया था जिसके बाद उनके चाहने वालों की आंखें कई दिनों तक […]
नयी दिल्ली : तमिल फिल्मों की सुपर स्टार और तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता की आज दूसरी पुण्यतिथि है. यदि आपको याद हो तो 5 दिसंबर 2016 को जयललिता का रात 11 बजकर 30 मिनट पर चेन्नई के अपोलो अस्पताल में निधन हो गया था जिसके बाद उनके चाहने वालों की आंखें कई दिनों तक नम रही थी. उन्हें कार्डियेक अरेस्ट हुआ था. तमिल फिल्मों की सफल अभिनेत्री जयललिता ने राजनीति के क्षेत्र में भी अपना लोहा मनवाया. आइए हम यहां आपको बताते हैं उनकी दोस्त शशिकला के जुड़ा एक किस्सा.
जयललिता से शशिकला की दोस्ती का किस्सा दिलचस्प है. तमिलनाडु के तंजौर जिले में जन्मीं शशिकला ने पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी थी. तमिलनाडु सरकार में जनसंपर्क अधिकारी रहे नटराजन के साथ उनका विवाह हुआ. वह वीडियो की दुकान चलाती थीं और उनके पति नटराजन कुडालोर जिले के डीएम वीएस चंद्रलेखा के साथ काम करते थे. चंद्रलेखा तमिलनाडु के तत्कालीन मुख्यमंत्री एमजी रामचंद्रन के बेहद करीबी थीं. नटराजन ने डीएम चंद्रलेखा से आग्रह किया कि एमजी रामचंद्रन से कह कर शशिकला की मुलाकात जयललिता से करा दी जाये. पहली मुलाकात के बाद से ही उन दोनों के बीच दोस्ती कायम हो गयी.
वर्ष 1988 में शशिकला परिवार को लेकर जयललिता के घर आ गयीं और उनके साथ रहने लगीं. धीरे-धीरे शशिकला विश्वासपात्र बनती गयीं. पार्टी से जुड़े फैसलों में भी शशिकला की भूमिका बढ़ती गयी. पार्टी से निष्कासन और नियुक्ति जैसे कार्य शशिकला के ही जिम्मे थे. जानकारों का कहना है कि जयललिता की संपत्ति की देख-रेख की जिम्मेवारी शशिकला और उनके पति नटराजन के हाथों में ही थी.
वर्ष 1995 में शशिकला के भतीजे सुधाकरण को जयललिता ने गोद ले लिया. सुधाकरण की शादी में अथाह धनराशि खर्च की गयी. वर्ष 1996 में जयललिता के चुनाव हारने का यह एक बड़ा कारण यह भी माना जाता है. उस समय समझा गया कि जयललिता की विरासत को सुधाकरण ही संभालेंगे, लेकिन वर्ष 1996 में ही उन्होंने सुधाकरण से नाता तोड़ लिया. दूसरी ओर, शशिकला के साथ रिश्तों की मजबूत कम नहीं हुई. जयललिता के अस्पताल में भरती रहने के दौरान केवल शशिकला को ही उनसे मिलने की मंजूरी दी गयी थी.
दिसंबर, 1996 में कलर टीवी घोटाले में शशिकला और जयललिता को गिरफ्तार किया गया था. बाद में सुप्रीम कोर्ट में यह मामला खारिज हो गया. तांसी जमीन अधिग्रहण मामले में ट्रायल कोर्ट ने इन दोनों को दो वर्ष की सजा सुनायी थी, लेकिन मद्रास हाइ कोर्ट ने शशिकला को बरी कर दिया. दिसंबर, 2011 में जयललिता ने शशिकला और उनके पति नटराजन व सुधाकरण समेत 13 लोगों को पार्टी से बाहर कर दिया था. कुछ माह बाद शशिकला को दोबारा पार्टी में शामिल कर लिया गया. कहा जाता है कि शशिकला ने उस वक्त जयललिता को यह भरोसा दिलाया था कि वे अपने सभी रिश्तेदारों से रिश्ते खत्म कर लेंगी और अपनी महत्वाकांक्षा को त्याग कर पार्टी के हितों के अनुरूप काम करेंगी.