कांग्रेस के स्टार प्रचारक सिद्धू की आवाज खतरे में, अज्ञात स्थान पर गये

चंडीगढ़ : तूफानी चुनाव प्रचार के बाद पंजाब के मंत्री और कांग्रेस के स्टार चुनाव प्रचारक नवजोत सिंह सिद्धू की आवाज खतरे में है. इस संबंध में पंजाब सरकार ने गुरुवार को कहा कि राज्य के मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू के 17 दिन के तूफानी चुनाव प्रचार के बाद उनकी आवाज खतरे के कगार पर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 6, 2018 2:37 PM

चंडीगढ़ : तूफानी चुनाव प्रचार के बाद पंजाब के मंत्री और कांग्रेस के स्टार चुनाव प्रचारक नवजोत सिंह सिद्धू की आवाज खतरे में है. इस संबंध में पंजाब सरकार ने गुरुवार को कहा कि राज्य के मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू के 17 दिन के तूफानी चुनाव प्रचार के बाद उनकी आवाज खतरे के कगार पर है. सिद्धू को डॉक्टरों ने तीन से पांच दिन तक पूरी तरह आराम करने की सलाह दी है.

राज्य सरकार की एक विज्ञप्ति के अनुसार, पंजाब के स्थानीय प्रशासन, पर्यटन और सांस्कृतिक मामलों के मंत्री सिद्धू के वोकल कॉर्ड को नुकसान पहुंचा है. वह पूरी तरह जांच कराने और स्वास्थ्य लाभ के लिए अज्ञात ठिकाने पर चले गये हैं. सिद्धू ने कांग्रेस के स्टार प्रचारक के रूप में राजस्थान, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और तेलंगाना के चुनावों से पहले 17 दिन में 70 से अधिक जनसभाओं को संबोधित किया.

अपनी अद्भुत वाकक्षमता के लिए लोकप्रिय सिद्धू करतारपुर कॉरिडोर के शिलान्यास समारोह के लिए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के निजी निमंत्रण पर 28 नवंबर को पड़ोसी देश के दौरे पर गये थे. विज्ञप्ति के अनुसार, ‘‘नवजोत सिंह सिद्धू ने 17 दिन तक आक्रामक चुनाव प्रचार किया जिसमें उन्होंने एक के बाद एक 70 से अधिक जनसभाओं को संबोधित किया और व्यस्त दिनचर्या की वजह से उनका वोकल कॉर्ड प्रभावित हुआ है.

डॉक्टरों ने उनसे कहा है कि वह आवाज खोने के कगार पर हैं इसलिए उन्हें तीन से पांच दिन का पूरी तरह आराम करने की सलाह दी गयी है. विज्ञप्ति में बताया गया है कि कुछ साल पहले बहुत ज्यादा विमान यात्राओं की वजह से सिद्धू डीवीटी (डीप वीन थ्रोम्बोसिस) का शिकार हुए थे और उनका इलाज किया गया था. इस वजह से लगातार हेलीकॉप्टर और विमान यात्राएं उनकी सेहत के लिए नुकसानदेह रही हैं.

इसके अनुसार, सिद्धू की कई रक्त जांच की गयी हैं और वह पूरी तरह जांच तथा स्वास्थ्य लाभ के लिए अज्ञात स्थान पर चले गये हैं. विज्ञप्ति के अनुसार, उन्हें प्राणायाम और फिजियोथैरेपी के साथ विशेष ध्यान कराया जा रहा है.

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