सुरेश प्रभु ने कहा, बुरा दौर गुजर गया, अच्छे दिन आना बाकि है
पणजी :बुरा दौर गुजर गया, अच्छे दिन आना अभी बाकि है वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु यह बात कही. उन्होंने शुक्रवार को भारत की बेहतर आर्थिक वृद्धि के संबंध में यह बात कही. उन्होंने कहा, अब तक का सबसे अच्छा दौर आना बाकी है . प्रभु ने गोवा में उद्यम पूंजी पर एक वैश्विक […]
पणजी :बुरा दौर गुजर गया, अच्छे दिन आना अभी बाकि है वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु यह बात कही. उन्होंने शुक्रवार को भारत की बेहतर आर्थिक वृद्धि के संबंध में यह बात कही. उन्होंने कहा, अब तक का सबसे अच्छा दौर आना बाकी है . प्रभु ने गोवा में उद्यम पूंजी पर एक वैश्विक सम्मेलन को संबोधित करते हुये यह बात कही. इसमें 100 से अधिक निवेशकों से भाग ले रहे हैं.
प्रभु ने निवेशकों को भारत में पूंजी लगाने को आमंत्रित करते हुए कहा, "मौजूदा समय में भारत जैसा रोमांचकारी कोई दूसरा बाजार नहीं है… यह भारत की आर्थिक वृद्धि के सफर का एक नया दौर है." मंत्री ने कहा कि हर क्षेत्र में अभूतपूर्व वृद्धि होगी. मोदी सरकार के नेतृत्व में देश में बुनियादी ढांचे के विकास पर जोर का उल्लेख करते देते हुए प्रभु ने कहा कि यह देश की जरूरत है.
उन्होंने कहा कि सड़क, बंदरगाह और हवाईअड्डों जैसे बुनियादी ढांचे क्षेत्र में अगले कुछ वर्षों में असाधारण वृद्धि होगी. हमने देश में 100 नए हवाई अड्डे तैयार किए हैं. आगामी 10 वर्षों में 65 अरब डॉलर के निवेश से 100 और हवाईअड्डों का निर्माण किया जाएगा. सड़क क्षेत्र में भी यही कहानी चल रही है. प्रभु ने विदेशी कोषों से बुनियादी ढांचा क्षेत्र, कृषि और स्वास्थ्य सेवा समेत विभिन्न क्षेत्रों में काम करने वाली स्टार्टअप कंपनियों में निवेश करने का आह्वान किया.
उन्होंने कहा कि भारत में निवेश की बड़े पैमाने पर संभावनाएं मौजूद हैं क्योंकि देश की अर्थव्यवस्था 2035 तक बढ़कर 10,000 अरब डॉलर (10 ट्रिलियन डॉलर) की हो जायेगी. प्रभु ने कहा कि बुनियादी ढांचा क्षेत्र में सुधार, प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि, बड़ा बाजार और निवेश पर उच्च रिटर्न जैसे कुछ कारण उपलब्ध हैं, जिसके चलते वैश्विक कोषों को भारत में निवेश करना चाहिये.
औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग के सचिव रमेश अभिषेक ने कहा कि कारोबार करने को सुगम बनाने के लिये मंत्रालय जिला स्तर पर रैंकिंग करेगा. उन्होंने कहा कि स्टार्टअप कंपनियों की वृद्धि को बढ़ावा देने के लिये अब तक 21 नियमों को सरल बनाया गया है. हमें इस दिशा में और कदम उठाने की जरूरत है.