नयी दिल्ली : नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद दूसरे देशों से संबंध सुधारने के लिए प्रयास में तेजी आई है. इसी क्रम में आज विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और रुसी उप प्रधानमंत्री दिमित्री ओ रोगोजिन की मुलाकात हुई. दोनों के बीच व्यापार और उर्जा सुरक्षा समेत महत्वपूर्ण द्विपक्षीय मुद्दों पर विस्तृत बातचीत में चर्चा हुई.
इन्होंने साझा हितों के क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर भी विचार विमर्श किया. रोगोजीन दो दिवसीय दौरे पर कल यहां पहुंचे थे. ऐसा माना जाता है कि सुषमा और रोगोजीन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति पुतिन के बीच इस साल होने वाले वार्षिक सम्मेलन की तैयारियों पर चर्चा की. आर्थिक सहयोग, उर्जा सुरक्षा और कुडनकुलम बिजली संयंत्र के तीसरे और चौथे रिएक्टर के संचालन पर चर्चा इन वार्ताओं में शामिल रही.
सैद्धांतिक तौर पर रुस भारतीय परमाणु जिम्मेदारी कानून के लिए सहमत हो गया है. इससे कुडनकुलम परमाणु बिजली संयंत्र की तीसरी और चौथी इकाई के लिए समझौते पर हस्ताक्षर का रास्ता खुल गया है. इससे पहले सुषमा ने चीन के बिदेश मंत्री से मुलाकात करके दोनों देशों के बीच संबंध सुधारने को लेकर बातचीत की.