जयराम रमेश ने मोदी की तुलना अमेरिकी राष्ट्रपति निक्सन से की

नयी दिल्ली : नरेंद्र मोदी के प्रशंसकों की लिस्ट में अब जयराम रमेश का नाम भी जुड़ गया है, वैसे जयराम पहले ऐसे कांग्रेसी नहीं हैं, जिन्होंने मोदी की तारीफ की है. इससे पहले शशि थरुर जैसे नेताओं ने भी मोदी का स्तुतिगान किया है. एक साक्षात्कार में जयराम रमेश ने कहा है कि मोदी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 18, 2014 3:36 PM

नयी दिल्ली : नरेंद्र मोदी के प्रशंसकों की लिस्ट में अब जयराम रमेश का नाम भी जुड़ गया है, वैसे जयराम पहले ऐसे कांग्रेसी नहीं हैं, जिन्होंने मोदी की तारीफ की है. इससे पहले शशि थरुर जैसे नेताओं ने भी मोदी का स्तुतिगान किया है.

एक साक्षात्कार में जयराम रमेश ने कहा है कि मोदी में यह सामर्थ्य है कि वे चीन और पाकिस्तान से सहजता ने निपट सकते हैं. उन्होंने मोदी की प्रशंसा करते हुए कहा कि मोदी भारत के रिचर्ड निक्सन साबित हो सकते हैं.

उन्होंने कहा कि मोदी इन देशों के साथ संबंध सुधारने में लचीला रुख रखते हैं, जिसका कांग्रेस के नेताओं में अभाव था. जयराम ने कहा कि मोदी कई मायनों में निक्सन के समान हैं. हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि आज मोदी जिस तरह के प्रयास भारत पाकिस्तान संबंध को सुधारने के लिए करके प्रशंसा प्राप्त कर रहे हैं, जब वही प्रयास यूपीए की सरकार ने किया था, तो उसे निंदा का सामना करना पड़ा था.

जब हमने नवाज शरीफ को बुलाया था, तो उसे बिरयानी खिलाने के नाम पर हमारी खूब निंदा हुई थी, लेकिन अब साड़ी और शॉल भेंट किये जा रहे हैं. मनमोहन सिंह ने जब भी भारत-पाकिस्तान के रिश्ते को सुधारने के लिए कुछ व्यावहारिक कदम उठाये, भाजपा उनपर झटप पड़ी, लेकिन अभी हम उनपर झपटने की स्थिति में नहीं हैं.

गौरतलब है कि रमेश से पहले शशि थरुर ने भी मोदी की जी भरके प्रशंसा की थी और यहां तक कहा थी कि मोदी दुबारा प्रधानमंत्री बन सकते हैं, मोदी की वाकपटुता और वाकशैली के थरुर फैन हैं.

कौन हैं रिचर्ड निक्सन

जयराम रमेश ने मोदी की तुलना अमेरिकी राष्ट्रपति निक्सन से की 2

रिचर्ड निक्सन अमेरिका के 37वें राष्ट्रपति थे और 1969 से 1974 तक वे अमेरिका के राष्ट्रपति पद पर आसीन रहे. वे अमेरिका के उपराष्ट्रपति भी रहे थे. निक्सन अमेरिका के एकमात्र राष्ट्रपति थे जिन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. चीन के साथ संबंध सुधारने के लिए उन्होंने वियतनाम युद्ध से अमेरिका की भागीदारी को समाप्त करवाया था. उन्हें देशहित में कई काम किये थे.

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