* एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी के छोटे भाईअकबरुद्दीनओवैसी ने जीत हासिल कर ली है
तेलंगाना की 119 सीटों पर टीआरएस ने 87 सीटों पर बढ़त बना ली है. जिसमें से 12 सीटों पर जीत घोषित हो चुकी है. इस बढ़त ने सीधा संकेत दे दिये हैं कि एक बार टीआरएस सरकार बना रही है. रुझान में कांग्रेस और टीडीपी 22 सीटों पर आगे चल रहे हैं जिसमें सात सीटों के परिणाम आ चुके हैं.भाजपा ने एक सीट पर बढ़त बना रखी है जबकि अन्य के खाते में 9 सीटे हैं जिसमें एआईएमआईएम 7 सीटों पर बढ़त बना रखी है.
तेलंगाना में मई 2019 में चुनाव होना था लेकिन मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने विधानसभा भंग करने का प्रस्ताव दे दिया जिसके बाद यह चुनाव हुआ और दोबारा इसी सरकार को जीत हासिल हुई. 2014 में राज्य के गठन के बाद हुए चुनावों में तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) ने सबसे ज्यादा सीटें जीत कर सरकार बनायी थी. पार्टी के नेता चंद्रशेखर राव राज्य के पहले मुख्यमंत्री बने थे. चुनावी मैदान में चंद्रशेखर की तेलंगाना राष्ट्र समिति, तेल्गु देशम पार्टी, कांग्रेस, तेलंगाना जन समिति, सीपीआई, एमआईएम और भाजपा शामिल है.
क्या है राजनीतिक परिदृश्य
कांग्रेस ने यहां तेलुगू देशम पार्टी के साथ साथ दूसरी छोटी पार्टियों को भी अपने साथ मिलाकर रखा है पीपुल्स फ्रंट बनाया है. इस गठबंधन को चंद्रशेखर राव के लिए बड़ी चुनौती बताया जाता है. भाजपा ने किसी के साथ गठबंधन नहीं किया है और अकेले ही चुनावी मैदान में है. 2014 के चुनावों में भाजपा और तेलुगू देशम पार्टी ने मिलकर चुनाव लड़ा था. टीडीपी मुखिया चंद्रबाबू नायडू एनडीए से अलग हो गये. तेलंगाना के चुनावों में तीन दावेदार हैं. माना जा रहा है कि भाजपा इस सूची में तीन नंबर पर है.
पिछले चुनाव में क्या थी स्थिति
कुल 119 सीटों में तेलंगाना राष्ट्र समिति(TRS) की 90 सीटें हैं, जबकि इंडियन नेशनल कांग्रेस की 13 सीटें, ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम की 7 सीटें, भाजपा की 5 सीटें, सीपीआई (एम) की 1 सीट और टीडीपी की 3 सीटें हैं। पूर्व की स्थिति के आधार पर यहां का अनुमान लगाया जाए तो तेलंगाना राष्ट्र समिति काफी मजबूत स्थिति में है। तेलंगाना में कांग्रेस मुख्य विपक्षी पार्टी है। पिछले चुनाव में टीआरएस को 34.3 फीसदी, कांग्रेस को 25.2 फीसदी, टीडीपी को 14.7 फीसदी, बीजेपी को 7.1 फीसदी, एआईएमआईएम को 3.8 फीसदी मत मिले थे.
क्यो कराया जा रहा है चुनाव, क्यों भंग हुई विधानसभा
पहली सरकार में चंद्रशेखर राव के नेतृत्व की सरकार के नौ महीने बाकी थे. मुख्यमंत्री ने ही विधानसभा को भंग करने की सिफारिश कर दी. इस फैसले पर राजनीतिक विश्लेषकों ने कहा, मुख्यमंत्री केसीआर केंद्र की राजनीति में आना चाहते हैं और राज्य की कमान अपने बेटे के तारक रामा राव को राज्य की कमान सौंपना चाहते हैं.
कितने वोटर, कितने उम्मीदवार
राज्य में कुल 2.80 करोड़ मतदाता हैं जो राज्य की किस्मत का फैसला करेंगे. चुनाव के लिए कुल 32,815 मतदान केंद्र बनाए गए थे. चुनाव मैदान में एक ट्रांसजेंडर सहित कुल 1,821 उम्मीदवार अपनी किस्मत का फैसला रुझानों के जरिये देख रहे हैं.