संसद का शीतकालीन सत्र : PM मोदी ने कहा, सार्वजनिक महत्व के मुद्दों पर जनभावना का सम्मान करते हुए साथ दें सदस्य, देखें वीडियो

नयी दिल्ली : संसद के शीतकालीन सत्र शुरू होने के पहले मीडिया से रूबरू होते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि शीतकालीन सत्र बेहद महत्वपूर्ण है. सदन में सार्वजनिक महत्व के कई मुद्दे उठाये जायेंगे. मुझे विश्वास है कि संसद के सभी सदस्य जनभावना का सम्मान करेंगे और आगे बढ़ेंगे. हमारा प्रयास होगा कि […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 11, 2018 11:14 AM

नयी दिल्ली : संसद के शीतकालीन सत्र शुरू होने के पहले मीडिया से रूबरू होते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि शीतकालीन सत्र बेहद महत्वपूर्ण है. सदन में सार्वजनिक महत्व के कई मुद्दे उठाये जायेंगे. मुझे विश्वास है कि संसद के सभी सदस्य जनभावना का सम्मान करेंगे और आगे बढ़ेंगे. हमारा प्रयास होगा कि सभी मुद्दों पर चर्चाएं हों. मालूम हो कि अगले साल होनेवाले लोकसभा चुनाव होने हैं. उससे पहले यह वर्तमान सरकार का अंतिम शीतकालीन सत्र है. इससे पहले संसद के शीतकालीन सत्र की पूर्व संध्या पर सरकार ने सुझाव दिया है कि दोनों सदनों में विधायी कार्य करने और महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा कर अधिक समय तक सदन का कामकाज किया जा सकता है. मालूम हो कि संसद का शीतकालीन सत्र 11 दिसंबर से आठ जनवरी तक चलेगा. सत्र के दौरान 20 बैठकें होंगी. इस दौरान सरकार अनुपूरक अनुदानों की मांग पेश करेगी, जिसके जरिये वह और अधिक खर्च के लिए संसद की मंजूरी लेगी.

क्या कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने

नमस्‍कार साथियों,

शीत सत्र में आप सबका स्‍वागत है. यह सत्र महत्‍वपूर्ण है. सरकार की तरफ से कई महत्‍वपूर्ण विषय, जो जनहित के हैं, देशहित के हैं और सभी का यह प्रयास रहे कि जितने अधिकतम काम हम जनहित का कर पाएं, लोकहित का कर पाएं, देशहित का कर पाएं. मुझे विश्‍वास है कि सदन के सभी सदस्‍य इस भावना का आदर करते हुए आगे बढ़ेंगे. हमारा निरंतर प्रयास रहा है कि सभी विषयों पर चर्चा हो. खुल करके चर्चा हो, तेज-तर्रार चर्चा हो, तीखी तमतमाती चर्चा. लेकिन, चर्चा तो हो! वाद हो, विवाद हो, संवाद तो होना ही चाहिए और इसलिए हमारी यह गुजारिश रहेगी, हमारा आग्रह रहेगा कि यह सदन निर्धारित समय से भी अधिक समय काम करे. सारे महत्‍वपूर्ण विषयों को नतीजे तक पहुंचाये. चर्चा करके उसको और अधिक सार्थक बनाने के लिए और अधिक मजबूत बनाने के लिए प्रयास हो और मुझे विश्‍वास है कि सभी राजनीतिक दल, जो मई महीने में कसौटी पर कसनेवाले हैं, तो जरूर जनता जनार्दन का ध्‍यान रख करके इस सत्र का सर्वाधिक उपयोग जनहित के लिए करेंगे, दल हित के लिए नहीं करेंगे. इस विश्‍वास के साथ मेरी सबको बहुत-बहुत शुभकामनाएं.

सरकार को घेरने की कोशिश करेगा विपक्ष

शीतकालीन सत्र में विपक्ष के साथ-साथ सहयोगी पार्टियों के रुख को देखते हुए कहा जा सकता है कि सदन हंगामेदार होगा. एक ओर जहां विपक्ष द्वारा राफेल विमान सौदे की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के गठन की मांग समेत भारतीय रिजर्व बैंक की स्वायत्तता तथा जांच एजेंसियों के कथित दुरुपयोग सहित कई अन्य मुद्दे उठाये जा सकते हैं. किसानों की समस्याओं, अर्थव्यवस्था की स्थिति सहित कई अन्य मुद्दों को लेकर सरकार को घेरने का प्रयास विपक्ष की ओर से किया जा सकता है. वहीं, भाजपा की सहयोगी पार्टी शिवसेना ने भी कहा है कि अगर अयोध्या में विवादित स्थल पर राम मंदिर के निर्माण के लिए सरकार विधेयक लेकर नहीं आती है, तो शीतकालीन सत्र के दौरान संसद नहीं चलने देगी.

कई महत्वपूर्ण विधेयकों को पारित कराना चाहेगी सरकार

शीतकालीन सत्र के दौरान केंद्र सरकार तीन तलाक, उपभोक्ता संरक्षण, चिट फंड, डीएनए, गैर कानूनी गतिविधियां रोकथाम जैसे कई महत्वपूर्ण विधेयकों सहित करीब तीन दर्जन विधेयक पारित कराना चाहती है. इनमें से 20 विधेयक नये हैं. वहीं, अन्य विधेयक सदन में पहले पेश किये जा चुके हैं. मालूम हो कि लोकसभा में 16 विधेयक लंबित हैं. जबकि, राज्यसभा में सात विधेयक लंबित है.

कौन-कौन से महत्वपूर्ण विधेयक सदन में पेश करेगी सरकार

सत्र के दौरान केंद्र सरकार लोकसभा में तीन तलाक संबंधी विधेयक, कंपनी संशोधन विधेयक, भारतीय चिकित्सा परिषद संशोधन विधेयक, भारतीय औषधि प्रणाली के लिए राष्ट्रीय आयोग संबंधी विधेयक, राष्ट्रीय होम्योपैथी आयोग विधेयक, राष्ट्रीय योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा आयोग विधेयक, राष्ट्रीय विमान संशोधन विधेयक, जलियांवाला बाग राष्ट्रीय स्मारक संशोधन विधेयक, सूचना प्रौद्योगिकी संशोधन विधेयक, राष्ट्रीय जांच एजेंसी संशोधन विधेयक, गैर कानूनी गतिविधि रोकथाम संशोधन विधेयक, बांध सुरक्षा विधेयक, एनसीईआरटी विधेयक आदि पेश कर सकती है. इसके अलावा सार्वजनिक परिसर अनधिकृत कब्जा हटाने संबंधी विधेयक, दंत चिकित्सक संशोधन विधेयक, उपभोक्ता संरक्षण विधेयक, नयी दिल्ली अंतरराष्ट्रीय पंचाट केंद्र विधेयक, भारतीय हवाई अड्डा आर्थिक नियामक प्राधिकार संशोधन विधेयक, किशोर वय (बाल देखरेख एवं संरक्षण) संशोधन विधेयक, डीएनए प्रौद्योगिकी (उपभोक्ता एवं व्यवहार) नियामक विधेयक, मानवाधिकार संरक्षण संशोधन विधेयक, ट्रांसजेंडर अधिकार संरक्षण विधेयक, किराये की कोख संबंधी नियामक विधेयक, चिटफंड संशोधन विधेयक, बिना नियमन की जमा योजना को प्रतिबंधित करने संबंधी विधेयक आदि भी सदन में पेश कर सकती है.

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