जयपुर : कांग्रेस राजस्थान में चुनाव बाद गठजोड़ कर सकती है जहां वह बहुमत की जादुई संख्या की ओर बढ़ती दिख रही है. राज्य में कुल 200 सीटें हैं और बहुमत के लिए 101 विधायकों की जरूरत होगी. शाम छह बजे तक कांग्रेस 33 सीटें जीत चुकी है और 65 पर वह आगे चल रही है. इस तरह से वह 101 की संख्या तक आसानी से पहुंचती दिख रही है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने चुनाव बाद गठबंधन की ओर संकेत देते हुए कहा कि कांग्रेस अन्य इच्छुक दलों व भाजपा से अलग हुए लोगों को साथ लेना चाहेगी.
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उन्होंने कहा कि पार्टी ने पांच सीटों पर चुनाव पूर्व गठजोड़ किया था. उसने लोकतांत्रिक जनता दल को दो सीटें मुंडावर व कुशलगढ़ दीं. वहीं राष्ट्रीय लोकदल के लिए उसने भरतपुर व मालपुरा सीटें छोड़ी जबकि बाली की सीट उसने एनसीपी को दी. गहलोत ने शुरुआती रूझान के बाद यहां संवाददाताओं से कहा,‘ कांग्रेस सरकार बनायेगी. यही जनादेश है जो कांग्रेस पार्टी के पक्ष में है. हमें स्पष्ट बहुमत मिलेगा और निर्दलीय व अन्य पार्टियों (भाजपा के अलावा) को भी साथ लेंगे.
सीटें कम रहने की संभावना संबंधी सवाल पर उन्होंने कहा, ‘सीटें कम नहीं रहेंगी, स्पष्ट बहुमत मिलेगा. इसके बावजूद चाहेंगे कि निर्दलीय व अन्य दलों (भाजपा के अलावा) के जो विधायक सरकार का सहयोग करना चाहते हैं तो उनका सहयोग लेना चाहिए. लोकतंत्र कहता है कि सबको मिलाकर चलो.’ भाजपा ने 24 सीटों पर जीत दर्ज की और 49 पर आगे है. निर्दलीय चार व अन्य दो सीटों पर जीत चुके हैं. बसपा भी चार सीटों पर जीती है.
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निर्दलीय चुनाव जीतने वालों में से अनेक तो कांग्रेस के ही बागी हैं और सरकार बनने पर उनके कांग्रेस में जाने की संभावना है. पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘कांग्रेस निश्चित रूप से सरकार बनायेगी. हालांकि जरूरत पड़ने पर चुनाव बाद गठबंधन के लिए बसपा पहली पसंद होगी. इसके अलावा बागी के रूप में जीतने वाले भी कांग्रेस का समर्थन करेंगे.’ उल्लेखनीय है कि 2008 में कांग्रेस ने 96 सीटों पर जीत दर्ज की थी और उसने बसपा के छह विधायकों व कुछ निर्दलियों की मदद से सरकार बनायी थी.