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चुनाव में हिंदी पट्टी में कांग्रेस को जबर्दस्त लाभ, तेलंगाना में TRS और मिजोरम में MNF की जीत

नयी दिल्ली : पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव में अच्छे प्रदर्शन के बूते छत्तीसगढ़ और राजस्थान में भाजपा को शिकस्त देकर कांग्रेस मंगलवार को सत्ता की दहलीज पर पहुंच गई, वहीं मध्य प्रदेश में दोनों पार्टियों के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिल रही है. हिंदी पट्टी में भाजपा के खराब प्रदर्शन ने […]

नयी दिल्ली : पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव में अच्छे प्रदर्शन के बूते छत्तीसगढ़ और राजस्थान में भाजपा को शिकस्त देकर कांग्रेस मंगलवार को सत्ता की दहलीज पर पहुंच गई, वहीं मध्य प्रदेश में दोनों पार्टियों के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिल रही है. हिंदी पट्टी में भाजपा के खराब प्रदर्शन ने 2019 के लोकसभा चुनाव को दिलचस्प बना दिया है. कुछ महीने पहले तक माना जा रहा था कि लोकसभा चुनाव के लिये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में राजग का पलड़ा भारी है.

इधर, तेलंगाना विधानसभा चुनाव में टीआरएस ने प्रचंड बहुमत हासिल करके लगातार दूसरे कार्यकाल के लिये सत्ता में आना सुनिश्चित कर लिया है, वहीं मिजोरम में मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) ने कांग्रेस को पूर्वोत्तर में उसके आखिरी गढ़ में हराकर 10 साल बाद सत्ता में वापसी की है.

सिंहासन का सेमीफाइनल बताये जा रहे इन विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के अच्छे प्रदर्शन से उत्साहित पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि ये नतीजे मोदी सरकार के लिये ‘स्पष्ट संदेश’ हैं कि जनता उससे खुश नहीं है और बदलाव का समय आ गया है. कांग्रेस अध्‍यक्ष राहुल गांधी ने संवाददाताओं से कहा कि नरेंद्र मोदी को जबर्दस्त जनादेश मिला, लेकिन उन्होंने देश की धड़कन को सुनने से इंकार कर दिया.

छत्तीसगढ़ और राजस्थान में सरकार बनाने और मध्य प्रदेश में बीजेपी को कड़ी टक्कर के बीच राहुल ने कहा कि, तीनों राज्यों में मुख्यमंत्रियों का चयन ‘सुगमता’ से किया जायेगा. उन्होंने कहा, ‘‘हमने भाजपा को मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में हराया है… उन्‍होंने ये भी कहा कि मुख्यमंत्रियों के चयन को लेकर कोई मुद्दा नहीं रहेगा.’

वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विधानसभा चुनावों में जीत के लिये कांग्रेस, टीआरएस और एमएनएफ को बधाई देते हुए कहा कि भाजपा विनम्रता से लोगों के फैसले को स्वीकार करती है. वित्त मंत्री अरूण जेटली ने कहा कि नतीजे निश्चित रूप से अपेक्षा के अनुरूप नहीं रहे और चुनाव नतीजे ठहरकर विश्लेषण करने का अवसर हैं.

विधानसभा के चौंकाने वाले नतीजों में छत्तीसगढ़ में कांग्रेस ने 15 साल से चल रहे रमन सिंह के शासन का अंत कर दिया है. चुनाव आयोग से प्राप्त ताजा नतीजों और रुझानों के अनुसार कांग्रेस ने 90 सदस्यीय छत्तीसगढ़ विधानसभा में 22 सीटों पर जीत हासिल की है और 46 सीटों पर आगे चल रही है.

वहीं, भाजपा ने तीन सीटों पर जीत दर्ज की है जबकि 13 पर बढ़त बनाए हुए है. रमन सिंह ने राज्यपाल आनंदी बेन पटेल को अपना इस्तीफा सौंप दिया है. उन्होंने कहा कि वह भाजपा के खराब प्रदर्शन की जिम्मेदारी स्वीकार करते हैं. उन्होंने रायपुर में संवाददाताओं से कहा, ‘हम (पार्टी) बैठेंगे और आत्ममंथन करेंगे.’

राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने भी जयपुर में राज्यपाल कल्याण सिंह को अपना त्यागपत्र सौंप दिया. ताजा रुझानों के मुताबिक मध्य प्रदेश विधानसभा की 230 सीटों के लिए प्राप्त ताजा रुझानों के अनुसार कांग्रेस 113 सीटों पर आगे या जीत दर्ज कर रही है जबकि भाजपा 110 सीटों पर आगे या जीत दर्ज कर रही है.

चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार राज्य में भाजपा और कांग्रेस दोनों को 41.2 फीसदी मत मिले हैं. सत्ता विरोधी लहर से जूझ रहे तीन बार के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान बुधनी सीट से चुनाव जीत गए हैं, लेकिन उनकी सरकार के दर्जन भर मंत्री कांग्रेस उम्मीदवारों से पीछे चल रहे हैं.

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि रुझान मध्य प्रदेश में बदलाव के लिये लोगों की इच्छा को दर्शाते हैं जबकि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने विश्वास जताया कि उनकी पार्टी राज्य में सरकार बनाएगी. राजस्थान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट ने जयपुर में कहा, ‘‘रुझान दर्शाते हैं कि कांग्रेस राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में जीत की ओर बढ़ रही है.

हमें विश्वास है कि यह रुझान समूचे देश में जारी रहेगा।” छत्तीसगढ़ में भाजपा सरकार के पांच मंत्री-बृजमोहन अग्रवाल (रायपुर शहर दक्षिण), केदार कश्यप (नारायणपुर), महेश गगदा (बीजापुर), दयालदास बघेल (नवागढ़) और अमर अग्रवाल (बिलासपुर) से पीछे चल रहे हैं.

राज्य में पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी की पार्टी जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) पांच सीटों पर आगे चल रही है जबकि भाकपा, गोंडवाना गणतंत्र पार्टी और माकपा एक-एक सीट पर बढ़त बनाए हुए है.

राजस्थान में ताजा रुझानों के अनुसार कांग्रेस 100 के जादुई आंकड़े की ओर बढ़ती दिखाई दे रही है. राज्य विधानसभा की जिन 199 सीटों पर चुनाव हुए उसमें से 87 पर कांग्रेस ने जीत दर्ज कर ली है जबकि 12 अन्य सीटों पर बढ़त बनाए हुए है.

भाजपा ने 72 सीटों पर जीत हासिल कर ली है जबकि एक सीट पर आगे चल रही है. ये नतीजे राज्य में 20 साल से एक बार भाजपा और एक बार कांग्रेस को राज्य की सत्ता सौंपने के पुराने रुझान को ही दोहराते दिख रहे हैं. प्रदेश की निवर्तमान विधानसभा में भाजपा के पास 163 और कांग्रेस के पास 21 सीटें थीं.

निर्दलीयों ने तीन सीटों पर जीत हासिल की है जबकि नौ पर आगे चल रहे हैं। राजस्थान में विधानसभा की 200 सीटें हैं, लेकिन अलवर की रामगढ़ सीट से बसपा उम्मीदवार की मृत्यु की वजह से वहां चुनाव स्थगित हो गया. राज्य में कौन मुख्यमंत्री होगा इसका फैसला करने के लिए कांग्रेस जयपुर में विधायक दल की बैठक करेगी.

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से सलाह-मशविरा करने के बाद पार्टी राज्य में अगला मुख्यमंत्री कौन होगा, इसकी घोषणा करेगी। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट इस पद के लिये प्रमुख दावेदार हैं.

तेलंगाना में तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) लगातार दूसरी बार अपनी सरकार बनाएगी। वहां पार्टी को प्रचंड बहुमत मिलता दिख रहा है। टीआरएस ने 79 सीटों पर जीत हासिल कर ली है और 9 अन्य सीटों पर उसके उम्मीदवार बढ़त बनाए हुए हैं. ये नतीजे मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की लोकप्रियता पर मुहर लगाते हैं. राव ने खुद गजवेल सीट पर 51000 से अधिक मतों से जीत हासिल की. उन्होंने कांग्रेस के वी प्रताप रेड्डी को करारी शिकस्त दी.

राव के पुत्र के टी रामराव और उनके भतीजे हरीश राव भी जीत गए हैं. दोनों चंद्रशेखर राव की कार्यवाहक सरकार में मंत्री हैं. कांग्रेस ने राज्य में 18 सीटों पर जीत हासिल की है जबकि एक सीट पर उसके उम्मीदवार बढ़त बनाए हुए हैं. उसकी सहयोगी तेदेपा दो सीटें जीती हैं. कार्यवाहक मुख्यमंत्री राव ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘टीआरएस विधानसभा चुनाव में अपनी जीत को तेलंगाना की जनता को समर्पित करती है.”

राव ने कहा कि तेलंगाना गैर कांग्रेसी, गैर भाजपाई राज्य साबित हुआ।. उन्होंने साथ कहा कि टीआरएस राष्ट्रीय राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी. राव ने निर्धारित कार्यकाल से आठ महीने पहले ही सितंबर में विधानसभा को भंग करके जो राजनैतिक दांव चला था, उसका अच्छा नतीजा उन्हें देखने को मिला. राज्य की 119 सदस्यीय विधानसभा में पिछले चुनाव में टीआरएस को 63 सीटें मिली थीं.

कांग्रेस और तेदेपा विधायकों के दलबदल करके टीआरएस में शामिल हो जाने से उसके विधायकों की संख्या पिछली विधानसभा में 82 हो गयी थी. मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) ने राज्य की 40 सीटों में से 26 सीटें जीतकर राज्य में साधारण बहुमत हासिल कर लिया है. इसके साथ ही पूर्वोत्तर में एकमात्र राज्य जहां कांग्रेस सत्ता में थी, वह भी उसके हाथ से निकल गयी. राज्य में कांग्रेस को पांच सीटें मिली हैं.

मिजोरम के मुख्यमंत्री और कांग्रेस उम्मीदवार ललथनहवला सेरछिप और चम्फाई दक्षिण दोनों सीटों से चुनाव हार गये हैं. राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में कांग्रेस के अच्छे प्रदर्शन का जश्न पार्टी कार्यकर्ताओं ने दिल्ली में पार्टी मुख्यालय के बाहर एकत्र होकर आतिशबाजी करके मनाया. पार्टी कार्यकर्ताओं ने भाजपा शासित इन तीनों राज्यों में कांग्रेस को जीत की ओर ले जाने के लिए राहुल गांधी के नेतृत्व की सराहना की. वहीं, दिल्ली में भाजपा मुख्यालय में सन्नाटा पसरा हुआ था.

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