बेंगलूर : माता-पिता द्वारा करीब चार साल से कथित तौर पर एक कमरे में बंद की गयी 35 वर्षीय महिला को पुलिस ने आज उसके घर से बचाया है. सूचना मिलने पर पुलिस जब उसके घर पहुंची तो हेमवती को बुरी हालत में पाया. वह कॉमर्स में स्नातक की पढ़ाई कर चुकी है. पुलिस ने कहा कि महिला अस्त-व्यस्त हालत में जमीन पर पड़ी थी और उसने सही ढंग से कपड़े भी नहीं पहन रखे थे.
बाद में उसे उपचार के लिए राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य तथा तंत्रिका विज्ञान संस्थान में भर्ती कराया गया. बदहवास सी दिखाई दे रही हेमवती ने संवाददाताओं को बताया कि वह बहुत भूखी है और उसे कभी कभी खाने को दिया जाता है. हेमवती के पिता रेणुकप्पा ने अपनी बेटी को बंधक बनाने के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि उसे गठिया की समस्या है लेकिन वह दवाई नहीं लेती.
महिला के भाई सोमशेखर ने बताया कि हेमवती को घर में बंधक नहीं बनाया गया है और उसे कुछ सेहत संबंधी समस्याएं हैं जिसके लिए उसका इलाज कराया गया है. स्वास्थ्य मंत्री यू टी खादर ने महिला का हालचाल जाना और कहा कि उसकी सेहत सही होना पहली प्राथकिता है. आरोप हैं कि हेमवती के माता-पिता उसकी पसंद से शादी के खिलाफ थे इसलिए उसे घर में बंद करके रखा गया था. इस बारे में पूछे जाने पर स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी इस बारे में पड़ताल करेंगे. मंत्री ने कहा, ‘‘पहले वह सेहतमंद हो जाए, उसके बाद हम देखेंगे.’’