राजस्थान में फंसा मुख्यमंत्री का पेच, सचिन ने कही यह बात
जयपुर : राजस्थान में कांग्रेस ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को सत्ता से उखाड़ तो फेंका, लेकिन बहुमत के बावजूद मुख्यमंत्री का नाम अब तक स्पष्ट नहीं है. विधानसभा में विधायक दल का नेता चुनने के लिए चुने गये 99 कांग्रेस विधायकों की बैठक बुलायी गयी है. बैठक में शामिल होने पहुंचे विधायकों ने भी […]
जयपुर : राजस्थान में कांग्रेस ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को सत्ता से उखाड़ तो फेंका, लेकिन बहुमत के बावजूद मुख्यमंत्री का नाम अब तक स्पष्ट नहीं है. विधानसभा में विधायक दल का नेता चुनने के लिए चुने गये 99 कांग्रेस विधायकों की बैठक बुलायी गयी है. बैठक में शामिल होने पहुंचे विधायकों ने भी पत्ते नहीं खोले कि वह किसे अपना नेता चुनने जा रहे हैं.
प्रदेश के बुजुर्ग नेता और पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ कांग्रेस आलाकमान राहुल गांधी के करीबी और राजस्थान प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष सचिन पायलट सीएम की रेस में हैं. अशोक गहलोत चुनाव परिणाम सामने आने के बाद से ही कह रहे हैं कि नेता का फैसला विधायक दल की बैठक में होगा. वहीं, सचिन पायलट लगातार कह रहे हैं कि मुख्यमंत्री का नाम कांग्रेस आलाकमान ही तय करेंगे.
कांग्रेस के युवा नेता ने बुधवार की सुबह ट्वीट कर कहा, ‘राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में जो सत्ता परिवर्तन हुआ है, उससे स्पष्ट है कि जनता ऐसी सरकार चाहती है, जो उनकी समस्याओं का समाधान कर सके और विकास को गति दे सके. मैं सभी नवनिर्वाचित विधायकों को बधाई देता हूं और जनता का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं.
विधायक दल की बैठक से पहले सचिन पायलट ने कहा कि प्रदेश की जनता अजब है. राजस्थान में भाजपा की हार उसके अहंकार की हार है. उन्होंने कहा कि भाजपा के तमाम दावों की हवा निकल गयी है. लोगों के साथ विश्वासघात की सजा उसे मिली है. राजस्थान सरकार की अगुवाई कौन करेगा, यह पार्टी आलाकमान तय करेंगे और उनका फैसला सबको मान्य होगा.
टूरिस्ट बस में सवार होकर आये विधायकों में कई विधायकों ने सचिन पायलट की भाषा में अपना जवाब दिया, जबकि कई लोगों ने कहा कि बैठक में ही वे अपनी राय जाहिर करेंगे. यहां बताना प्रासंगिक होगा कि राजस्थान में कांग्रेस को 99 सीटें मिली हैं, जबकि वसुंधरा राजे के नेतृत्व में चुनाव लड़ने वाली भाजपा को 73 सीटें ही मिलीं.