राजस्थान : 6 जिलों में भाजपा का सूपड़ा साफ, तीन जिलों में नहीं खुला कांग्रेस का खाता
मिथिलेश झा राजस्थान में सत्ता परिवर्तन की परंपरा कायम रही. पांच साल के शासन के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की वसुंधरा राजे सरकार सत्ता से बेदखल हो गयी. कांग्रेस ने अच्छे-खासे अंतर से भाजपा से सत्ता छीन ली. राज्य के छह जिलों में भाजपा का सूपड़ा साफ हो गया. वहीं, तीन जिले ऐसे रहे, […]
मिथिलेश झा
राजस्थान में सत्ता परिवर्तन की परंपरा कायम रही. पांच साल के शासन के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की वसुंधरा राजे सरकार सत्ता से बेदखल हो गयी. कांग्रेस ने अच्छे-खासे अंतर से भाजपा से सत्ता छीन ली. राज्य के छह जिलों में भाजपा का सूपड़ा साफ हो गया. वहीं, तीन जिले ऐसे रहे, जहां कांग्रेस कहीं नहीं रही.
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जिन जिलों में कांग्रेस का सफाया हुआ, वे जिले झालावाड़, सिरोही और पाली हैं. इन जिलों में क्रमश: 4, 3 और 6 सीटें हैं. झालावाड़ में भाजपा ने सभी चार सीटें जीत लीं, जबकि सिरोही में तीन सीटों पर उसने कब्जा किया. चौथे सीट पर उसका प्रत्याशी दूसरे नंबर पर रहा. वहीं, पाली की 6 सीटों में से 5 पर भाजपा ने जीत दर्ज की. इस जिले में कांग्रेस के सिर्फ तीन प्रत्याशी मुख्य मुकाबले में रहे.
दूसरी तरफ, भाजपा का जिन जिलों में सूपड़ा साफ हो गया, वहां वह मजबूती से लड़ती नजर आयी. भरतपुर, दौसा, जैसलमेर, करौली, सवाई माधोपुर और सीकर जिले में भाजपा का खाता नहीं खुला. अच्छी बात यह रही कि करीब-करीब सभी सीटों पर भाजपा ने कांग्रेस या अन्य दल के विजेताओं को टक्कर दी. यानी मुख्य मुकाबले में भाजपा ही रही.
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भरतपुर की सात में से 4 सीटें कांग्रेस ने जीती. तीन सीटों पर निर्दलीय या अन्य दलों के प्रत्याशी जीते. इनमें से 6 सीटों पर भाजपा के उम्मीदवार दूसरे नंबर पर रहे. दौसा की पांच में से चार सीटें कांग्रेस और एक अन्य ने जीती. दूसरे स्थान पर सभी सीटों पर भाजपा रही. इसी तरह जैसलमेर की दोनों सीटों पर भाजपा मुख्य प्रतिद्वंद्वी रही.
करौली जिले की बात करें, तो यहां की चार विधानसभा सीटों में तीन सीट पर भाजपा के उम्मीदवारों ने विजेता को टक्कर दी. इसी तरह सवाई माधोपुर की चार में से तीन और सीकर की 8 में से 7 सीटों पर कांग्रेस या दूसरे दल के मुकाबले दूसरे नंबर पर भाजपा प्रत्याशी रहे.