भावुक हुए शिवराज, कहा, अब चौकीदारी- 2019 की तैयारी
भोपाल : मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में लगातार 15 साल सत्ता में रहने के बाद मौजूदा विधानसभा चुनाव में भारी हार मिलने के बाद शिवराज सिंह चौहान ने हार की जिम्मेदारी लेते हुए बुधवार को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया.उन्होंने अपना इस्तीफा प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को राजभवन में सौंपा. इस्तीफा देने के बाद […]
भोपाल : मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में लगातार 15 साल सत्ता में रहने के बाद मौजूदा विधानसभा चुनाव में भारी हार मिलने के बाद शिवराज सिंह चौहान ने हार की जिम्मेदारी लेते हुए बुधवार को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया.उन्होंने अपना इस्तीफा प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को राजभवन में सौंपा.
इस्तीफा देने के बाद चौहान ने मीडिया से बात की. प्रेस वार्ता में शिवराज सिंह काफी भावुक दिखे. उन्होंने कहा, इस्तीफा देकर आया हूं. उन्होंने कहा, पराजय की जिम्मेदारी सिर्फ मेरी, मेरी और मेरी है.
चौहान ने कहा, जनता का भरपूर प्यार भी मिला. कार्यकर्ताओं का भरपूर प्यार भी मिला. वोट भी हमें (कांग्रेस से) थोड़ा ज्यादा मिल गये, लेकिन संख्या बल में (कांग्रेस से) पिछड़ गये. इसलिए मैं संख्या बल के सामने शीश झुकाता हूं. उन्होंने कहा, हमने फैसला किया है कि स्पष्ट बहुमत नहीं मिलने के कारण हम सरकार बनाने का दावा पेश नहीं करेंगे.
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उन्होंने कहा, अब वो चौकीदारी करेंगे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुआई में वो 2019 लोकसभा चुनाव की तैयारी में अभी से लग जाएंगे. उन्होंने संवाददाताओं के साथ बातचीत कांग्रेस को जनता के साथ किये गये वादे का पूरा करने की चेतावनी दी.शिवराज ने कांग्रेस पार्टी को नसीहत देते हुए कहा कि मध्यप्रदेश के किसानों का कर्ज कांग्रेस पार्टी 10 दिनों में माफ करे. उन्होंने वादा किया है कि अगर किसानों का कर्ज 10 दिनों में माफ नहीं किया तो अपना मुख्यमंत्री बदल देंगे.
शिवराज सिंह ने भावुक अंदाज में कहा कि पूरे मध्यप्रदेश की जनता उनका परिवार है. उनके सुख-दुख उनका है. मैं अपनी टीम के साथ पूरी क्षमता के साथ राज्य के विकास का काम किया है. इस दौरान अगर उनसे कुछ भी गलती हो गयी हो, जाने-अंजाने मेरे कोई काम से या मेरे कोई शब्दों से मध्यप्रदेश की जनता को कोई कष्ट हुई होगी तो मैं उसके लिए में क्षमाप्रार्थी हूं.
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चौहान ने कहा, मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ को कांग्रेस की जीत के लिए मैंने शुभकामनाएं दी हैं. बधाई दी है. मध्यप्रदेश विधानसभा की 230 सीटों के लिए नवंबर 28 को हुए मतदान की मंगलवार को मतगणना हुई. इसमें प्रदेश में त्रिशंकु विधानसभा बनी है.
कांग्रेस 114 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी उभर कर आई है, जो बहुमत के 116 के जादुई आंकड़े से दो सीट कम है, जबकि 15 साल से प्रदेश की सत्ता में काबिज भाजपा 109 सीटों के साथ दूसरे नंबर पर है. राज्य में बसपा को दो और सपा को एक सीट मिली है. दोनों ही पार्टियों ने बुधवार की सुबह कांग्रेस को समर्थन देने की घोषणा कर दी है.
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