भोपाल : मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री पद के लिए चली दिनभर की माथापच्ची के बाद लगभग यह तय हो चुका है कि वरिष्ठ नेता और प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष कमलनाथ अगले मुख्यमंत्री होंगे. इसका आधिकारिक ऐलान होना बाकी है. बताया जा रहा है कि कांग्रेस विधायकों की बैठक में उनके नाम का प्रस्ताव ज्योतिरादित्य सिंधिया ने रखा. गौरतलब है कि राज्य में कमलनाथ और ज्योतिरादित्य दोनों ही मुख्यमंत्री पदकी रेस में सबसे आगे चल रहे थे. 15 साल बाद मध्यप्रदेश में कांग्रेस चुनाव जीतकर सरकार बनाने जा रही है.
मध्यप्रदेश में विधायक दल का नेता चुनने के लिए नवनिर्वाचित कांग्रेस विधायकों की बैठक बुधवार को भोपाल में हुई. बैठक में मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ एवं प्रदेश कांग्रेस चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया भी माैजूद थे. बैठक में कांग्रेस के पर्यवेक्षक एके एंटनी, नवनिर्वाचित विधायक और वरिष्ठ मौजूद थे जिसमें कमलनाथ के नाम का प्रस्ताव रखा गया जिसे सर्वसम्मति से पास कर दिया गया. सूत्रों के अनुसार, कमलनाथ के नाम का प्रस्ताव ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ही रखा. कांग्रेस प्रवक्ता शोभा ओझा ने बताया कि सभी विधायकों ने सर्वसम्मति से यह फैसला किया है कि मुख्यमंत्री का निर्णय राहुल गांधी करेंगे. कमलनाथ केंद्र में संसदीय कार्य मंत्री, कपड़ा मंत्री जैसे अहम मंत्रालय संभाल चुके हैं. लंबे अरसे से वह छिंदवाड़ा लोकसभा सीट से जीत रहे हैं. पहली बार 1980 में कमलनाथ ने यहां से जीत हासिल की थी. अब तक वह नौ बार छिंदवाड़ा का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं.
कमलनाथ ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद दिग्विजय सिंह, ज्योतिरादित्य सिंधिया और सुरेश पचौरी जैसे प्रदेश के दिग्गज नेताओं को एक साथ लाने का काम किया, जिसके चलते इस बार हुए विधानसभा चुनाव में पार्टी में एकजुटता दिखी. समाज के हर तबके के लिए योजनाओं के कारण चौहान की लोकप्रियता से वाकिफ चुनाव अभियान की शुरुआत में ही कमलनाथ ने बीजेपी पर हमला शुरू कर दिया. अभियान के जोर पकड़ने पर पार्टी की ओर मतदाताओं को आकर्षित करने के लिए राज्य कांग्रेस ने वक्त है बदलाव का नारा दिया.