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मप्र को मिला नया ”कमल”, इंदिरा गांधी के ””तीसरे बेटे”” को मिली कमान

भोपाल : मध्‍य प्रदेश में कांग्रेस की जीत में अहम भूमिका निभाने वाले कमलनाथ को सूबे की कमान सौंप दी गयी है. वे छिंदवाड़ा से नौ बार सांसद रह चुके हैं. कभी पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा अपना तीसरा बेटा करार दिये गये वरिष्ठ कांग्रेस नेता कमलनाथ जब पार्टी आलाकमान से मध्य प्रदेश का नया […]

भोपाल : मध्‍य प्रदेश में कांग्रेस की जीत में अहम भूमिका निभाने वाले कमलनाथ को सूबे की कमान सौंप दी गयी है. वे छिंदवाड़ा से नौ बार सांसद रह चुके हैं. कभी पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा अपना तीसरा बेटा करार दिये गये वरिष्ठ कांग्रेस नेता कमलनाथ जब पार्टी आलाकमान से मध्य प्रदेश का नया मुख्यमंत्री बनने की मंजूरी लेकर भोपाल पहुंचे तो उनके समर्थकों ने ‘जय जय कमलनाथ’ के नारे से उनका स्वागत किया.

पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने एक बार उन्हें अपना तीसरा बेटा कहा था जब उन्होंने 1979 में मोरारजी देसाई की सरकार से मुकाबले में मदद की थी. कमलनाथ (72) को 39 साल बाद अब इंदिरा के पोते कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने नयी जिम्मेदारी सौंपी है. इससे पहले राहुल गांधी ने मध्य प्रदेश में पार्टी द्वारा सरकार गठन के लिए जरुरी संख्याबल जुटा लिये जाने के बाद दो दिनों तक गहन माथापच्ची की। पंद्रह साल बाद कांग्रेस राज्य में सत्तासीन होने जा रही है.

कमलनाथ के समर्थक उन्हें मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में पार्टी की जीत का श्रेय देते हैं. जनता के बीच ‘मामा’ के रूप में अपनी अच्छी छवि बना चुके एवं मध्य प्रदेश में सबसे अधिक समय तक मुख्यमंत्री रहने वाले शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व वाली भाजपा नीत सरकार को चौथी बार लगातार सत्ता में आने से रोकने के लिए उन्होंने कड़ी टक्कर दी, लेकिन मुख्यमंत्री की कुर्सी पर कमलनाथ का दावा चुनौतियों से भरा रहा. ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कड़ी चुनौती दी. लेकिन आखिरकार पार्टी अध्यक्ष को कठोर निर्णय लेना पड़ा.

राहुल गांधी ने कहा कि ‘‘धैर्य और समय दो सबसे शक्तिशाली योद्धा’ होते हैं. आखिरकार अनुभव ही बदलाव की जरुरत को लेकर विजयी हुआ और कमलनाथ को मुख्यमंत्री चुना गया. इसमें अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव को भी ध्यान में रखा गया. सिंधिया के साथ कमलनाथ ने मध्य प्रदेश में विपक्षी कांग्रेस की किस्मत फिर से पलटने का काम शुरू किया था. राज्य में पार्टी 2003 से ही सत्ता से बाहर है। कमलनाथ का एक वीडियो वायरल होने पर भाजपा ने उन पर हमला बोला था. इस वीडियो में वह कांग्रेस की जीत के लिए मौलवियों से राज्य के मुस्लिम बहुल इलाके में 90 प्रतिशत वोट सुनिश्चित करने को कहते हुए दिखे.

लोकसभा में कमलनाथ छिंदवाड़ा की नौ बार नुमाइंदगी कर चुके हैं. गुरुवार रात जब कमलनाथ भोपाल हवाईअड्डे पर पहुंचे तब दृश्य बिल्कुल अलग था और ‘जय जय कमलनाथ’ के नारे से उनका स्वागत किया गया. वह सीधे कांग्रेस विधायक दल की बैठक में गये जिसने उन्हें औपचारिक रुपसे अपना नेता चुना. छिन्दवाड़ा के पत्रकार सुनील श्रीवास्तव ने इंदिरा गांधी की चुनावी सभा कवर की थी.

उन्होंने बताया कि इंदिरा गांधी छिन्दवाड़ा लोकसभा सीट के प्रत्याशी कमलनाथ के लिए चुनाव प्रचार करने आई थीं. इंदिरा ने तब मतदाताओं से चुनावी सभा में कहा था कि कमलनाथ उनके तीसरे बेटे हैं. कृपया उन्हें वोट दीजिए. ज्योतिरादित्य सिंधिया की जगह राहुल गांधी ने कमलनाथ को इस साल 26 अप्रैल को मध्य प्रदेश का कांग्रेस अध्यक्ष बनाया. कमलनाथ ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद दिग्विजय सिंह, ज्योतिरादित्य सिंधिया एवं सुरेश पचौरी जैसे प्रदेश के सभी दिग्गज नेताओं को एक साथ लाने का काम किया, जिसके चलते इस बार हुए विधानसभा चुनाव में पार्टी में एकजुटता दिखी. समाज के हर तबके के लिए योजनाओं के कारण चौहान की लोकप्रियता से वाकिफ चुनाव अभियान की शुरूआत में ही कमलनाथ ने भाजपा पर हमला शुरू कर दिया.

अभियान के जोर पकड़ने पर पार्टी की ओर मतदाताओं को आकर्षित करने के लिए राज्य कांग्रेस ने ‘वक्त है बदलाव का’ नारा दिया. कमलनाथ के नेतृत्व में प्रदेश कांग्रेस ने अपने चुनावी अभियान में चौहान के उन वादों पर फोकस किया जिन्हें पूरा नहीं किया जा सका। पार्टी ने चौहान को घोषणावीर बताया जिसके बाद सरकार द्वारा घोषित योजनाओं को लेकर चर्चा शुरू हो गयी. कमलनाथ का जन्म उत्तर प्रदेश के कानपुर में हुआ था. उनके पिता का नाम महेंद्रनाथ और माता का लीला है. कमलनाथ देहरादून स्थित दून स्कूल के छात्र रहे हैं.

राजनीति में आने से पहले उन्होंने सेंट जेवियर कॉलेज कोलकाता से स्नातक किया.

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