नयी दिल्ली : ”ऊपर भोलेनाथ, नीचे कमलनाथ” यह नारा कमलनाथ के समर्थक भोपाल में बुधवार से लगा रहे थे. मंगलवार को मध्यप्रदेश में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी कांग्रेस के लिए सूबे में युवा नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया और दिग्गज नेता कमलनाथ के बीच चुनाव करना आसान नहीं था. गुरुवार को बैठकों का दौर चला और राहुल गांधी ने नेताओं और विधायकों की राय जानी.
राहुल गांधी को इस भंवर से निकलने में कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी और बहन प्रियंका गांधी ने मदद की. बताया जाता है कि कमलनाथ को प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाने में सोनिया और प्रियंका गांधी की भी भूमिका रही. चुनाव नतीजे आने के दो दिन बाद आखिर गुरुवार देर रात कांग्रेस कमलनाथ को मुख्यमंत्री चुनने में सफल रही और इसकी औपचारिक घोषणा भोपाल में देर रात की गयी.
विधायक दल की बैठक में ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कमलनाथ का नाम प्रस्तावित किया, जिसे सर्वसम्मति से मंजूरी मिल गयी. कमलनाथ मुख्यमंत्री पद की शपथ 17 दिसंबर को लेंगे. कमलनाथ की सरकार में कोई उपमुख्यमंत्री नहीं होगा और वे शुक्रवार सुबह साढ़े दस बजे राज्यपाल आनंदी बेन पटेल से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे.
17 दिसंबर को भोपाल के लाल परेड ग्राउंड में कमलनाथ मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे. खबरों की मानें तो शपथग्रहण समारोह में राहुल गांधी और प्रियंका गांधी भी मौजूद रहेंगे.
मप्र : कमलनाथ व सिंधिया के समर्थकों में मारपीट
मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल स्थित कांग्रेस मुख्यालय के बाहर कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थकों ने नारेबाजी. इस दौरान दोनों नेताओं के समर्थक आमने-सामने आ गये. कुछ समर्थकों ने आपस में मारपीट भी की. गुरुवार को दिनभर कांग्रेस मुख्यालय के बाहर समर्थकों की भीड़ जुटी रही. सिंधिया के समर्थकों ने उन्हें मुख्यमंत्री बनाने के लिए यज्ञ भी किया.
एक नजर में कमलनाथ
जन्म : 18 नवंबर, 1946 (कानपुर में)
माता-पिता : लीला और महेंद्रनाथ
शिक्षा : देहरादून स्थित दून स्कूल. सेंट जेवियर कॉलेज कोलकाता से स्नातक.
अनुभव : छिंदवाड़ा से नौ बार सांसद. केंद्र सरकार में मंत्री.