नयी दिल्ली : राफेल डील मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा सरकार को क्लीन चिट दिये जाने के बाद सत्ता पक्ष आक्रामक हो गया है. कोर्ट ने कहा कि इस डील की प्रक्रिया में कोई खामी नजर नहीं आयी है. कोर्ट का फैसला आने के बाद संसद के दोनों सदनों में सत्ता पक्ष के लोगों ने विपक्ष पर हमला बोलना शुरू कर दिया. लोकसभा में जहां राहुल गांधी से माफी मांगने की बात कही गयी, वहीं राज्यसभा में वित्तमंत्री ने चर्चा की मांग की. गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने लोकसभा में कहा कि कांग्रेस ने राफेल डील को लेकर देश को गुमराह किया.
सुबह सदन की बैठक शुरू होते ही जहां विपक्ष के कुछ सदस्य अपनी अपनी मांगों को लेकर आसन के पास आकर नारेबाजी कर रहे थे, वहीं भाजपा के सदस्य भी शीर्ष अदालत के फैसले की पृष्ठभूमि में आक्रामक दिखे. भाजपा सदस्य ‘राहुल गांधी माफी मांगो’ के नारे लगा रहे थे. संसदीय कार्य मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने भी सदन में कहा कि शुक्रवार को उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को इस मामले में माफी मांगनी चाहिए. इस दौरान संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल के साथ ही भाजपा के सदस्य अपने स्थान पर खड़े होकर ‘राहुल गांधी माफी मांगो’ के नारे लगाते रहे.
उल्लेखनीय है कि संसद के शीतकालीन सत्र की शुरूआत से ही कांग्रेस राफेल सौदे में अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से इसकी जांच कराने की मांग कर रही है. इसके कारण सदन की कार्यवाही लगातार बाधित हो रही है. कांग्रेस सदस्यों ने शुक्रवार को भी राफेल सौदे में जेपीसी जांच की अपनी मांग जारी रखी. इस दौरान कांग्रेस और भाजपा के सदस्यों के बीच आरोप-प्रत्यारोप भी देखने को मिले. इस दौरान सदन में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी उपस्थित नहीं थे. संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी सदन में उपस्थित थीं. उधर आंध्र प्रदेश को विशेष दर्जे की मांग को लेकर तेलुगूदेशम पार्टी के सदस्य और कावेरी मुद्दे पर अन्नाद्रमुक सदस्य पिछले दिनों की तरह नारेबाजी करते रहे. सत्र की शुरूआत से ही राम मंदिर मुद्दे को उठा रहे शिवसेना के सदस्य आज प्रश्नकाल के दौरान प्रदर्शन नहीं कर रहे थे.