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अस्थाना की सीबीआई के विशेष निदेशक पद पर नियुक्ति के खिलाफ उपचारात्मक याचिका खारिज

नयी दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने गुजरात काडर के आईपीएस अधिकारी राकेश अस्थाना की सीबीआई के विशेष निदेशक पद पर नियुक्ति को सही ठहरानेवाले शीर्ष अदालत के निर्णय पर फिर से विचार के लिए दायर उपचारात्मक याचिका खाारिज कर दी है. राकेश अस्थाना की नियुक्ति को चुनौती देनेवाले गैर सरकारी संगठन काॅमन काॅज ने ही […]

नयी दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने गुजरात काडर के आईपीएस अधिकारी राकेश अस्थाना की सीबीआई के विशेष निदेशक पद पर नियुक्ति को सही ठहरानेवाले शीर्ष अदालत के निर्णय पर फिर से विचार के लिए दायर उपचारात्मक याचिका खाारिज कर दी है.

राकेश अस्थाना की नियुक्ति को चुनौती देनेवाले गैर सरकारी संगठन काॅमन काॅज ने ही यह उपचारात्मक याचिका दायर की थी. इस संगठन की पुनर्विचार याचिका न्यायालय पहले खारिज कर चुका था. प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति मदन बी लोकूर, न्यायमूर्ति एके सीकरी और न्यायमूर्ति एएम सप्रे की पीठ ने 11 दिसंबर को काॅमन काॅज की उपचारात्मक याचिका खारिज की. यह आदेश न्यायालय की वेबसाइट पर शुक्रवार को उपलब्ध कराया गया. इस पीठ ने चैंबर में उपचारात्मक याचिका पर विचार के बाद अपने आदेश में कहा, हमने उपचारात्मक याचिका और संबद्ध कागजातों का अवलोकन किया. हमारी राय में उपचारात्मक याचिका के लिए इस न्यायालय द्वारा प्रतिपादित मानदंड के तहत इसमें कोई मामला नहीं बनता है.

उपचारात्मक याचिकाओं पर वकीलों की अनुपस्थिति में न्यायाधीशों के चैंबर में विचार किया जाता है. शीर्ष अदालत का यह निर्णय राकेश अस्थाना और सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा के बीच छिड़ी जंग के बीच आया है. केंद्र सरकार ने 23 अक्तूबर को दोनों अधिकारियों को उनके अधिकारों से वंचित करके अवकाश पर भेज दिया था. इससे पहले, शीर्ष अदालत ने 28 नवंबर, 2017 को सीबीआई के विशेष निदेशक के पद अस्थाना की नियुक्ति को चुनौती देनेवाली काॅमन काॅज की याचिका खारिज कर दी थी. न्यायालय ने कहा था कि चयन समिति द्वारा सर्वसम्मति से लिये गये फैसले पर सवाल नही उठाया जा सकता और यह फैसला गैरकानूनी नहीं है. काॅमन काॅज ने अपनी याचिका में अस्थाना की नियुक्ति को गैरकानूनी बताते हुए कहा था कि स्टर्लिंग बायोटेक लि कंपनी के कार्यालय और दूसरे परिसरों पर आय कर विभाग के छापे में मिली डायरी में उनका नाम सामने आया है.

दूसरी ओर, केंद्र ने कहा था कि अस्थाना, जो पहले जांच ब्यूरो में अतिरिक्त निदेशक थे, ने अगस्ता वेस्टलैंड, एम्बुलेंस घोटाला, किंगफिशर घोटाला, हसन अली खान, मोईन कुरैशी और कोयला खदान आबंटन घोटाला सहित नेक मामलों की जांच की निगरानी की है. केंद्र का कहना था कि सीबीआई निदेशक के पत्र में दिये गये विवरण को स्वीकार नहीं करने के बारे में चयन समिति ने वजह बताते हुए अस्थाना को जांच ब्यूरो का विशेष निदेशक नियुक्त करने की सिफारिश की थी.

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