जम्मू-कश्मीर : 14 सालों में 150 बंकरों को हटाने के बावजूद अभी भी बंकरों की घाटी है कश्मीर
।। अनिल एस साक्षी ।। श्रीनगर : सीआरपीएफ ने पिछले मंगलवार को ग्रीष्मकालीन राजधानी के बीचोंबीच हनुमान मंदिर के पास हरी सिंह हाई स्ट्रीट के पास एक बंकर को हटा दिया था. यह बंकर करीब 30 साल पहले बनाया था. इतना जरूर था कि पिछले 14 सालों में 150 से अधिक बंकरों को हटाने के […]
।। अनिल एस साक्षी ।।
श्रीनगर : सीआरपीएफ ने पिछले मंगलवार को ग्रीष्मकालीन राजधानी के बीचोंबीच हनुमान मंदिर के पास हरी सिंह हाई स्ट्रीट के पास एक बंकर को हटा दिया था. यह बंकर करीब 30 साल पहले बनाया था. इतना जरूर था कि पिछले 14 सालों में 150 से अधिक बंकरों को हटाने के बावजूद अभी भी कश्मीर को अभी भी बंकरों की घाटी कहा जाता है.
संबंधित अधिकारियों ने बताया कि बंकर हरी सिंह हाई स्ट्रीट की तरफ जाने वाली सड़क पर था. कई बार वहां आम लोगों को दिक्कतों का सामाना करना पड़ता था. उन्होंने इसे हटाने के लिए संबंधित प्रशासन से भी कई बार आग्रह किया था. सीआरपीएफ ने स्थानीय लोगों की समस्याओं का संज्ञान लेते हुए इस बंकर को पूरी तरह हटा दिया.
सीआरपीएफ के प्रवक्ता ने बताया कि बंकर हटाने का यह मतलब नहीं कि इलाके में सुरक्षा व्यवस्था से किसी प्रकार का समझौता किया गया है. यह बंकर जिस जगह था, वहां आम लोगों को कई बार असुविधा होती थी. इसलिए हटाया गया है.
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अलबत्ता, इस पूरे क्षेत्र मे गश्त बढ़ायी गयी है और कुछ चिन्हित स्थानों पर सुरक्षा व्यवस्था के लिए मोबाइल बंकरों के साथ आवश्यक्तानुरूप जवान तैनात रहेंगे. यह बंकर कश्मीर घाटी में आतंकवाद के शुरू होने के साथ ही स्थापित किया गया था. बीते कुछ सालों के दौरान वादी के विभिन्न इलाकों में सैंकड़ों बंकर हटाये गये हैं.
हालांकि पिछले 30 सालों में सैंकड़ों तथा बीते 14 सालों के दौरान सुरक्षाबलों के 150 से अधिक शिविर और बंकर कश्मीर के विभिन्न शहरों, कस्बों व गांवों से हटाने के बावजूद अभी भी कश्मीर वादी को बंकरों की वादी का नाम दिया जा रहा है. हटाये गये सभी बंकरों को हालात सामान्य होने के कारण नहीं हटाया गया है बल्कि कईयों को कई बार हालात थामने की खातिर भी हटाना पड़ा और फिर वहां मोबाइल बंकर स्थापित कर देने पड़े. सरकारी तौर पर फिलहाल, वादी के शहरी इलाकों में 192 सुरक्षा शिविर और बंकर मौजूद हैं. पर गैर सरकारी आंकड़ा सैंकड़ों का है.
आज राज्य विधानसभा में पूर्व मुख्यमंत्री और विपक्ष के नेता उमर अब्दुल्ला ने पहली जनवरी 2009 को कश्मीर में सुरक्षाबलों के शिविरों और बंकरों की स्थिति की जानकारी मांगते हुए पूछा था कि अब तक इनमें से कितने हटाये गये हैं. उनके सवालों पर राज्य गृह विभाग द्वारा उपलब्ध करायी गयी लिखित जानकारी के अनुसार, पहली जनवरी 2009 को कश्मीर संभाग (लेह-करगिल समेत) में 258 शिविर व 18 बंकर थे. सबसे ज्यादा 117 शिविर और 11 बंकर श्रीनगर जिले में थे जबकि लेह व करगिल में न कोई सुरक्षा शिविर था और न बंकर.
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श्रीनगर के बाद सोपोर पुलिस जिला में 35 शिविर थे. बड़गाम, गंदरबल, अनंतनाग, पुलवामा, कुलगाम, छोपियां, अवंतीपोरा, बारामुल्ला, कुपवाड़ा, बांडीपोरा व हंडवाड़ा में क्रमशः 20, एक, 13, 21, 27, 5, 2, 4, 3, 8 व दो शिविर थे. वहीं, श्रीनगर के बाद सबसे ज्यादा तीन बंकर अवंतीपोरा में थे जबकि हंडवाड़ा, बांडीपोरा, कुपवाड़ा और बड़गाम में ही एक-एक बंकर था. अन्य जिलों में कोई बंकर नहीं था.
गृह विभाग के अनुसार श्रीनगर से जनवरी 2009 से अब तक 41 शिविर और दस बंकर हटाये गये हैं. इनमें पांच शिविर और बंकर 2009 में हटाये गये, जबकि 16 बंकर व शिविर 2010 में, 14 बंकर व शिविर 2011 में, 12 बंकर व शिविर 2012 में और दो बंकर व शिविर 2013 में हटाये गये. इसके बाद 2015 में दो बंकर व शिविर हटाये गये हैं जबकि 2014 में या फिर इस साल अभी तक कोई बंकर या शिविर श्रीनगर शहर से नहीं हटाया गया था.
पूरी वादी में सबसे ज्यादा 22 बंकर और शिविर वर्ष 2010 में हटाये गये हैं और उसके बाद 2011 में हटने वाले बंकरों और शिविरों की तादाद 19 रही. वर्ष 2016 में पूरी वादी में सिर्फ हंदवाड़ा में ही एक बंकर हटाया गया था हंदवाड़ा में हिंसा भड़कने के बाद.