स्लम एरिया के छात्रों के लिए थाने में स्टडी रूम, जानें कैसे चलता है क्लास
नेशनल कंटेंट सेल -झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाले बच्चों के लिए दिल्ली पुलिस ने उठाया कदम राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में झुग्गी-झोपड़यों और एक कमरे के घरों में रहने वाले परिवारों का एक बड़ा वर्ग है. इन परिवारों में स्कूल और कॉलेज में पढ़ने वाले छात्र भी हैं. जाहिर है, जगह की कमी के कारण ये ठीक […]
नेशनल कंटेंट सेल
-झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाले बच्चों के लिए दिल्ली पुलिस ने उठाया कदम
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में झुग्गी-झोपड़यों और एक कमरे के घरों में रहने वाले परिवारों का एक बड़ा वर्ग है. इन परिवारों में स्कूल और कॉलेज में पढ़ने वाले छात्र भी हैं. जाहिर है, जगह की कमी के कारण ये ठीक से पढ़ाई नहीं कर पाते. इनकी परेशानी है कि घर के अलावा इसके पास कोई ऐसा स्थान भी नहीं हैं, जहां रह कर या जाकर ये कुछ घंटे पढ़ सकें. ऐसा नहीं है कि इनकी परेशानी से सरकार या शैक्षिक-स्वैच्छिक संस्थाएं अनजान हैं, मगर ठोस पहल का अभाव है. ऐसे में दिल्ली पुलिस ने इनके हित में बड़ा कदम उठाया है, जिसकी हर ओर सराहना हो रही है.
दिल्ली के नॉथ-ईस्ट के नंदनगरी थाने में एक स्टडी रूम बनाया गया है. यहां ऐसे परिवारों के 9वीं से लेकर 12वीं तक के छात्र आराम से पढ़ाई कर रहे हैं. ये पढ़ने के साथ-साथ एसएसी और सिविस सर्विसेज की तैयारी भी कर सकें, इसकी भी यहां व्यवस्था की गयी है. दरअसल, नंदनगरी सब-डिविजन के एसीपी सुबोध कुमार गोस्वामी ने महसूस किया कि उनके इलाके में ऐसे परिवारों की घनी आबादी है, जिनके पास कायदे से सर छुपाने तक की जगह नहीं है और उनकी इस जद्दोजहद का असर उनके वैसे किशोर-युवा सदस्यों पर पड़ रहा है, जिनमें शिक्षा प्राप्त कर हालात बदलने की संभावनाएं भरपूर हैं. गोस्वामी ने इन बच्चों के लिए खुद से कुछ करने का फैसला किया और थाने के ही एक बड़े हॉल में उनके लिए स्टडी रूम खोल दिया.
कुछ किताबों का भी इंतजाम किया और पुलिस की ओर से करियर काउंसेलिंग की शुरुआत की गयी. इसके लिए एक्सपर्ट की स्वैच्छिक सेवाएं सुनिश्चित की गयीं. गोस्वामी की इस पहल ने रंग लाया. आज यहां बड़ी संख्या में ऐसे भी बच्चे आ रहे हैं, जो प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं. उन्हें यहां मोटिवेशन कोर्स भी कराया जा रहा है. ये सारी सुविधाएं और सेवाएं उन्हें मुफ्त दी जा रही हैं.
स्टडी रूम में सुविधाओं के साथ सुझाव भी
स्टडी रूम में छात्रों की जरूरतों को ध्यान में रखकर किताबों, पत्र-पत्रिकाओं, एसी, पाने के पानी, उपकरण और उपस्कर और करियर काउंसेलिग की व्यवस्था की गयी है. यहां अलग-अलग प्रतियोगिता परीक्षाओं के लिए मोटिवेशन क्लास की भी व्यवस्था है. पुलिसकर्मी और अफसर यहां छात्रों को बेहतर करियर को लेकर समय-समय पर सुझाव देने आते हैं.
मैंने महसूस की झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाले बच्चों की पढ़ाई की अगर थोड़ी व्यवस्था कर दी जाये, तो बहुत अच्छा परिणाम दे सकते हैं. लिहाजा, थाने में ही हमने इसके लिए एक रूम चिह्नित कर दिया. इस योजना के तहत हमने उनकी समस्याओं का समाधान करने की कोशिश की है. आगे जो भी समस्या इनके सामने आयेंगी, उनका भी समाधान करने की हम कोशिश करेंगे.
सुबोध कुमार गोस्वामी, एसीपी, नंदनगरी सब-डिविजन