9.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

सिख दंगा : सज्जन कुमार ने आत्मसमर्पण के लिए मांगा 30 जनवरी तक का वक्त

नयी दिल्ली : कांग्रेस के पूर्व नेता सज्जन कुमार ने बृहस्पतिवार को दिल्ली उच्च न्यायालय में अर्जी देकर आत्मसमर्पण करने के लिए 30 जनवरी तक का समय मांगा है. उच्च न्यायालय ने कुमार को निर्देश दिया था कि वह 31 दिसंबर तक आत्मसमर्पण कर दें, लेकिन उन्होंने पारिवारिक कामकाज खत्म करने के लिए थोड़ा वक्त […]

नयी दिल्ली : कांग्रेस के पूर्व नेता सज्जन कुमार ने बृहस्पतिवार को दिल्ली उच्च न्यायालय में अर्जी देकर आत्मसमर्पण करने के लिए 30 जनवरी तक का समय मांगा है. उच्च न्यायालय ने कुमार को निर्देश दिया था कि वह 31 दिसंबर तक आत्मसमर्पण कर दें, लेकिन उन्होंने पारिवारिक कामकाज खत्म करने के लिए थोड़ा वक्त और मांगा है.

याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई हो सकती है. कुमार की ओर से पेश हुए वकील अनिल शर्मा ने कहा कि उच्च न्यायालय के आदेश को उच्चतम न्यायालय में चुनौती देने के लिए उन्हें कुछ और वक्त चाहिए. साथ ही कुमार को अपने बच्चों और संपत्ति से जुड़े परिवारिक मामले निपटाने हैं. याचिका में कहा गया है कि दोषी ठहराये जाने के वक्त से ही कुमार सदमे में हैं और उनका मानना है कि वह निर्दोष हैं. यह मामला दक्षिण-पश्चिमी दिल्ली की पालम काॅलोनी में राज नगर पार्ट-1 में 1984 में एक से दो नवंबर तक पांच सिखों की हत्या और राज नगर पार्ट-2 में गुरुद्वारे में आगजनी से जुड़ा है. यह दंगे तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की 31 अक्तूबर 1984 को दो सिख सुरक्षाकर्मियों द्वारा हत्या किये जाने के बाद भड़के थे.

अर्जी में कुमार ने कहा कि उनका परिवार बड़ा है, जिसमें पत्नी, तीन बच्चे, आठ पोते पोतियां हैं और उन्हें संपत्ति से जुड़े मसलों सहित परिवार के मसले निपटाने हैं. याचिका में यह भी कहा गया है कि उन्हें उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ अपील करने का वैधानिक अधिकार है और जिसके लिए उन्हें वरिष्ठ अधिवक्ताओं की आवश्यकता है, लेकिन उच्चतम न्यायालय में अवकाश के कारण वे इस वक्त देश से बाहर हैं. याचिका में कहा गया, याचिकाकर्ता (कुमार) ही अपने अधिवक्ता को इस संबंध में जानकारी देने और तथ्यों से उन्हें अवगत कराने के लिए योग्य व्यक्ति हैं. याचिकाकर्ता प्रार्थना करता है कि उसे 30 और दिनों की मोहलत दी जाये ताकि वह अपने पारिवारिक मसलों को निपटा सके,अपने निकट संबंधियों और मित्रों सहित प्रियजनों से मिल सके जिनसे वह अपने जीवन के 73 वर्षों से जुड़े हुए हैं.

गौरतलब है कि दिल्ली उच्च न्यायालय ने 17 दिसंबर को कुमार को दोषी ठहराया और उम्रकैद की सजा सुनायी थी. अदालत ने कहा था कि ये दंगे मानवता के खिलाफ अपराध थे जिन्हें उन लोगों ने अंजाम दिया जिन्हें राजनीतिक संरक्षण हासिल था और एक उदासीन कानून प्रवर्तन एजेंसी ने इनकी सहायता की थी.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें