विरोध कर रहे राज्यपालों की विदाई के विकल्पों पर विचार कर रही है सरकार

नयी दिल्ली:यूपीए सरकार के कार्यकाल के दौरान नियुक्त राज्यपालों से विरोध का सामना कर रही एनडीए सरकार उनकी विदाई सुनिश्चित करने के विकल्पों पर विचार कर रही है. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि सरकार की मुख्य समस्या उन राज्यपालों से है, जिनकी राजनैतिक पृष्ठभूमि रही है या जिनका कार्यकाल कुछ समय पहले ही शुरू हुआ […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 20, 2014 7:03 AM

नयी दिल्ली:यूपीए सरकार के कार्यकाल के दौरान नियुक्त राज्यपालों से विरोध का सामना कर रही एनडीए सरकार उनकी विदाई सुनिश्चित करने के विकल्पों पर विचार कर रही है. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि सरकार की मुख्य समस्या उन राज्यपालों से है, जिनकी राजनैतिक पृष्ठभूमि रही है या जिनका कार्यकाल कुछ समय पहले ही शुरू हुआ है.

जिन विकल्पों पर सरकार विचार कर रही है उसमें कुछ राज्यपालों को राजनैतिक रूप से ‘महत्वपूर्ण और बड़े राज्यों से’ उठा कर उनका तबादला वैसे राज्यों में करने की है, जिन्हें कम महत्वपूर्ण माना जाता है, ताकि उन्हें खुद से इस्तीफा देने पर मजबूर किया जा सके. एक और विचार है कि सीबीआइ को पश्चिम बंगाल के मौजूदा राज्यपाल एमके नारायणन, गोवा के मौजूदा राज्यपाल बीवी वांचू से ऑगस्टा-वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर सौदे की जांच में गवाह के तौर पर पूछताछ करने की इजाजत दे दी जाये.

इस तरह का रवैया शीला दीक्षित (केरल की राज्यपाल) के मामले में अपनाया जा सकता है, जिनसे दिल्ली में साल 2010 में हुए राष्ट्रमंडल खेलों में हुए घोटाले के संबंध में पूछताछ की जा सकती है. उस वक्त वह दिल्ली की मुख्यमंत्री थीं. इस बीच, नगालैंड के राज्यपाल अश्विनी कुमार ने कहा है कि उन्होंने ऐसा कोई बयान नहीं दिया है, जो राज्यपालों को बदलने के केंद्र के कदम की आलोचना करता हो.

Next Article

Exit mobile version