ऑगस्टा-वेस्टलैंड डील मामले में सीबीआइ दो राज्यपालों से पूछताछ करेगी
नयी दिल्ली:जहां एक ओर राज्यपालों पर इस्तीफे की तलवार लटल रही है वहीं खबर है कि ऑगस्टा-वेस्टलैंड डील मामले में सीबीआइ दो राज्यपालों से पूछताछ करने की तैयारी कर रही है. सीबीआइ इस मामले में पश्चिम बंगाल के राज्यपालएमके नारायणन और गोवा के राज्यपाल बी वी वांचू से पूछताछ करना चाहती है. उल्लेखनीय है कि […]
नयी दिल्ली:जहां एक ओर राज्यपालों पर इस्तीफे की तलवार लटल रही है वहीं खबर है कि ऑगस्टा-वेस्टलैंड डील मामले में सीबीआइ दो राज्यपालों से पूछताछ करने की तैयारी कर रही है. सीबीआइ इस मामले में पश्चिम बंगाल के राज्यपालएमके नारायणन और गोवा के राज्यपाल बी वी वांचू से पूछताछ करना चाहती है. उल्लेखनीय है कि इस मामले में घोटाला के सामने आने के बाद सरकार ने डील रद्द कर दी थी. सीबीआइ इस मामले में आगे की कार्रवाई करने की तैयारी कर रही है जिसके तहत वो इन दो राज्यपालों से पूछताछ करेगी.
सीबीआइ की लीगल टीम ने दी राय
इससे पहले इस मामले में सीबीआइ ने कानून मंत्रालय से पहले राय मांगी थी. मंत्रालय से जवाब नहीं मिलने के बाद सीबीआइ की लीगल टीम ने राय दी कि एजेंसी इस मामले में खुद आगे जाकर पूछताछ कर सकती है. अब सीबीआइ ने इन दोनों राज्यपालों ने वक्त मांगा है ताकि एजेंसी उनसे मिलकर पूछताछ कर सके. सीबीआइ राजनीतिक घटनाक्रम पर भी नजर बनाए हुए है.
इस्तीफे के बाद पूछताछ में नहीं होगी परेशानी
इन दोनों राज्यपालों पर इस्तीफे की तलवार लटक रही है. केंद्र की ओर से इन राज्यपालों के इस्तीफे की उम्मीद की जा रही है. अगर ये राज्यपाल इस्तीफा देते हैं तो सीबीआइ के लिए उनतक पहुंचना आसान हो जाएगा.
राज्यपालों पर राजनीति
एनडीए की सरकार बनने के बाद से सरकार में सभी पुराने नुमाईदों को हटाने का काम शुरु कर दिया. इसी क्रम में सरकार ने राज्यपालों से इस्तीफे की पेशकश की जिसके बाद कुछ ने तो स्वेच्छा से इस्तीफा दे दिया लेकिन कुछ अपनी जिद पर अड़े रहे. सीबीआइ की इस पूछताछ को कुछ लोग इससे जोड़ कर देख रहे हैं. यूं तो राज्यपाल के पद पर बने रहने तक सीबीआइ उनसे पूछताछ नहीं कर सकती है. अब ऐसे में देखना है कि सीबीआइ की पूछताछ का इन राज्यपालों पर क्या असर पड़ेगा. सीबीआई अगले कुछ दिनों में इन दोनों से पूछताछ कर सकती है. अगर ऐसा होता है, तो बीजेपी सरकार को इन राज्यपालों का इस्तीफा लेने का बेहतर मौका मिल सकता है.
तब और अब
जिस वक्त यह डील की गई उस वक्त एम के नारायणन (वर्तमान में पश्चिम बंगाल के राज्यपाल) राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के पद पर आसीन थे जबकि बीवी वांचू (वर्तमान में गोवा के राज्यपाल) एसपीजी प्रमुख के पद पर थे. वहीं अगर शेखर दत्त की बात करें तो वे तत्कालीन रक्षा सचिव के पद पर थे.